दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए? |dilemma?

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इस दुनिया में सबसे खुशनसीब लोग हैं जिनके पास ऐसे लोग हैं कुछ जो है संकट के समय सलाह दे सकते हैं ।  उस लायक भी होते हैं । ऐसे भी लोग बहुत सलाह देने को उतारू होंगे सलाह ले लो , सलाह ले लो . और आप बचते होंगे की इतने सलाह नहीं चाहिए , ज्ञान नहीं चाहिए । और जिस मुद्दे ने आपको सलाह चाहिए उस मुद्दे में भी सलाह देने के लिए 50 लोग बैठे हुए है ।

और वो सलाह ऐसे देंगे की आपको थोड़ा बहुत विश्वास था वह भी कम हो जाता है । तो कोई ऐसे व्यक्ति जो आपके आस पास जो आपके मेन्टल लेवल तक जाके, समझदारी के साथ में , ज्ञान के साथ में सलाह ले सके तो हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए? || Whom to consult in times of dilemma? इसी के बारे मे इस पोस्ट के माध्यम से जानकारी देने वाले है ।

दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए?

दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए? || Whom to consult in times of dilemma?
दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए? || Whom to consult in times of dilemma?

दोस्त – दुविधा के सही सलाह देने वालो (Whom to consult in times of dilemma?) में दोस्त हो सकते है लेकिन शायद ही ऐसा हो तो उससे सलाह ले लेनी चाहिए । क्योकि दोस्त जो है वह उसी माइंडसेट के है  जो खास उम्र में जो दुविधा है वो उसे भी दुविधा है तो बेचारा क्या आपके परेशानी को ढूंढेगा ।

दुविधाओं की कसौटी यह भी है की जो दुविधा से निकल पायेगा वह भी सलाह दे सकता है । परिपक्व होने के अर्थ में से एक अर्थ भी यह की की जिस चीज के लिए 10 पहले आप जान दे रहे थे आप उस पे हस पा रहे है ।

पेरेंट्स – दूसरा ये किसी किसी के पिता जी होते है की वह वह दुविद्या के समय सलाह (Whom to consult in times of dilemma?) दे सकते है । लेकिन आमतौर पर पेरेंट्स से सलाह लेना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह एक पीढ़ी पुराणी कि सलाह दे रहे होते है । और बच्चो को नई पीढ़ी की सलाह चाहिए होते है । लेकिन कुछ पैरेंट जो फ्रैंडली किस्म के होते है जो समझदार होते है ।

पेरेंट्स के पास में अपने इज्जत बचाने का यह तरीका यह होता है की वह उनका दोस्त बन जाये इसके आलावा उनका इज्जत बनाये रखने का कोई तरीका नहीं है ।

 टीचर – तीसरा हो सकता है टीचर जो आपके आसपास में रहते हो उससे सलाह ले ले (Whom to consult in times of dilemma?) । सबसे अच्छा क्या है पता है ?

काउंसलर इसके अलावा 4 आती सही सलाह लेने के लिए (Whom to consult in times of dilemma?) वह साइकोlogy पढ़ने वाले जो काउंसलिंग करने के बाद में आपको सलाह देते है और वह उसी के विशेष्ज्ञ हो जाते है  मई साइकेट्रिक्स की बात नहीं कर रहा हु , साइकेट्रिक्स वह होते है जो MBBS किया है फिर साइको logy  भी किया है । जो साइकोसोमेटिक परेशानी होते है जैसे डिप्रेसन है , एंजाइटी है जो उनमे जो दवाई है , जो नुरोलॉजिकल डिसॉर्डर होते है उसकी दवाइया देते है वह या दो न्यूरो एक्सपर्ट होगा या तो साइकेट्रिक्स होगा ।

साइकोलॉजिस्ट का काम यह नहीं है वह ह्यूमन बेहेवियर को ठीक से पढ़ा है साइकोlogy को ठीक से पढ़ा है और वह बाते सर के समझ पता है की वह व्यक्ति किस साइकोलॉजिकल कंडीसन में है । और इस कंडीसन से बहार निकलने के आसान तरीके क्या है । वह उसमे काम करता है ।

तो अच्छा काउंसलर अच्छा लिस्नर होता है । और काउंसलिंग लेना बुरी बात नहीं है । क्योंकि सरीर बीमार हो सकता है तो मन भी बीमार हो सकता है । शरीर बीमार है तो हम कई सरे गोलियों को खा लेते है लेकिन मन हमारा बीमार है तो उनका कोई इलाज नहीं है । और हम यह सोचके रह लेते है की यह अपने आप ठीक हो जायेगा लेकिन ऐसा होता है ̣

इसलिए एक अच्छा काउंसल के पास में जाकर के अपने मन की स्थिति के बारे में जानकारी ले सकते है क्योंकि एक अच्छा काउंसलर आपके जीवन को इतना सरल बना सकता है ।

yadi आपको भी एक अच्छा काउंसलर बना है तो आपको अपने छोटे से बच्चो को सलाह देनी है तो आप उससे 1 से 2 घंटे बैठा कर के उसे बाते करे और उनकी सारे बातो को सुने जब उनकी बात पूरी हो जाये तो और इस बात का ध्यान रखे की आप उनकी बातो में हां में हां मिलाते जाए । इसलिए कहा गया है की अच्छा काउंसलर बनने से अच्छा है एक अच्छा लिसनर बने क्योंकि सुनने वाला व्यक्ति ही उस व्यक्ती के आधी से ज्यादा परेशानी को कम कर देता है ।

तो ये रही चार पॉइंट जिससे आप किसी भी दुविधा के समय किससे सलाह लेनी चाहिए? (Whom to consult in times of dilemma?)इन लोगो से आप सलाह ले सकते है ।


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