झूठ बोलने से क्या होता है । झूठ बोलने के 10 नुकसान

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आप देखते होंगे कि आज कल #बच्चे जो भी बाहरी दुनिया को देखते है उसी बाहरी दुनिया को देखकर ही सीखने लगते है । कोई #झूठ बोल रहा है तो उसी को सच मानकर के अपने जिन्दगी में उतारने लगते है । खासकर यदि देखा जाए तो टीवी और इंटरनेट इसका सबसे ज्यादा माध्यम बनता जा रहा है । इन्हीं दो काल्पनिक माध्यम को देखकर सच मानने लगते है । आज हम इसी विषय पर गंभीर रूप से झूठ के बारे में विस्तार के साथ जानने वाले है ।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की झूठ झूठ (jhoot jhoot) , झूठ बोलना (jhoot bolna) , झूठ क्या होता है ? ,  झूठ बोलने से क्या होता है ? , झूठ बोलने की सजा  ? ,  झूठ बोलने के नुकसान ?, झूठ के फायदे और नुकसान , झूठ बोलना कैसे सीखते है ? , झूठ क्यों बोलते है इन सभी के परे में जानकारी देने वाले और खासकर के बच्चो को को झूठ बोलने से कैसे बचा सकते है ? बच्चो को झूठ बोलने से कैसे सुधार सकते है ? , बच्चो को झूठ बोलने के कैसे रोक सकते है , बच्चे #झूठ बोले तो क्या करना चाहिए ? इसके बारे में भी जानकारी देने वाले है ।

दोस्तों ये जितनी भी जानकारी आपको यंहा पर दिया जायेगा वो आपको कंही पर भी एक साथ नहीं मिलेगा । इन सभी जानकारी को पढ़कर के आप झूठ के बारे में अच्छी तरह से जान जायेंगे ।

झूठ बोलने से क्या होता है । झूठ बोलने के 10 नुकसान
झूठ बोलने से क्या होता है । झूठ बोलने के 10 नुकसान

झूठ क्या होता है ?

दोस्तों झूठ को वाक्छल या असत्यता भी कहा जाता है वो वास्तव में सत्य नहीं है , सही नहीं है और सही नहीं है , सत्य नहीं है , असत्य कथन को सत्य के रूप में , सही दिखने या बताने के लिए बोला जाता है ।

झूठ एक असत्य कथन व बोल होता है जिसका उददेश्य केवल किसी को धोखा देने के लिए बोला जाता है और धोखा देकर के वह जो सही है उसे बच जाता है ।


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झूठ क्यों बोलते है ?

दोस्तों आपने कई बार लोगो को देखा होगा की आपके ही सामने दूसरे व्यक्ति को सरासर झूठ बोल देता है । मानलो किसी को कही जाना है और कोई वो थोड़ा देर लेट हो गया । यदि उसके पास में फोन आता है तो वो झूठ बोलते हुए कहता है हाँ मैं निकल गया ही रास्ते में हु । ये ये सरासर झूठ होता है और ये आजकल आम बात हो गया है ।

कई लोग तो झूठ को हंसी मजाक के लिए झूठ का सहारा लेते है और कई का तो ऐसे भी मिलेंगे आपको जो सिर्फ मनोरजन के लिए झुठ बोलते है ।

यदि इसे देखा जाये ज्यादातर लोग आम तरीके से दुसरो की गलियों से बचने के लिए झुठ बोलते है । वंही कई लोग किसी सजा से बचने के लिए झूठ बोलते है । तो कई लोग किसी को फ़साने के लिए , तो कई लोग जालसाजी करने के लिए झूठ बोलते है । कई लोग तो जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए भी झूठ का सहारा लेते है , और राजनीती में में झूठ परोसना सबसे आसान बात है ।

कई बार तो लोग झूठ बोलकर के स्वं फस जाते है और दूसरे को बचाने लग जाते है और ये केवल फिल्मो में दिखाई देता है । सामने जिंदगी में बहत काम ही होता है ।

तो झूठ बोलने के कई कारण भी हो सकते है ये किसी भी परिस्थिति के ऊपर निर्भर करता है की उस समय की परिस्थिति क्या थी तब झूठ बोला गया हो और ये साफ नहीं किया जा सकता की कौन कौन सी पिस्थिति में झूठ बोल सकते है ।

झूठ बोलने के वैज्ञानिक रिसर्च ? 

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में रिसर्चरों ने देखा कि पहला बड़ा झूठ बोलते वक्त ब्रेन के एक हिस्से ऐमिग्डाल में नकारात्मक सिग्नल यानी परेशानी के संकेत दिखते हैं.

झूठ बोलने से क्या होता है ?

झूठ बोलने से अलग-अलग धर्मो में अलग अलग बाटे बताई गई है ।

बाइबिल में झूठ बोलना , कुरान में झूठ बोलना , बुतपरस्त पुराण में झूठ बोलना

  • यदि देखा जाय तो झूठ बोलना सर्वथा गलत बात है । झूठ का सहारा तो हम अपने आप को बचाने के लिए तो कुछ समय के लिए कर सकते है लेकिन देखा जाय तो यदि किसी को धोखा देने के उददेश्य से झूठ बोला है या जालसाजी के लिए झूठ बोला है तो जब भी आप उस व्यक्ति के पास जाते है आप उस व्यक्ति से ठीक तरीके से नजर तो नहीं मिला सकते है साथ ही उसके नजर से भी गिर जाते है ।
  • दूसरी नजर से झूठ का सहारा को देखा जाये तो कुछ लोग कही बाहर जाते समय या किसी को कंही जाना होता है वो घर में ही रहेगा और फोन में बता देते है की मैं पहुंचने वाला हु तो ऐसे झूठ बोलने वालो के साथ में यदि किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना या किसी भी आवश्यक काम के समय इसे पैसे या उसकी आवस्यकता पूरा नहीं हो पाते है ।
    और ऐसे लोग अपने झूठ को उस परेशानी के समय भी समझ नहीं पाते और अपने आप को कोशने लगते है । ये वास्तव में हमारे साथ में होता है लेकिन हम इसे गौर नहीं कर पाते है ।
  • वंही तीसरी नजर से देखे तो जो लोग बार-बार झूठ उनकी आदत ही बन गई है झूठ बोलना तो ऐसे व्यक्ति को आप देखेंगे की ऐसे लोग जिंदगी में बहुत ही काम सफल हो पाते है और यदि सफल हो भी जाते है तो ऐसे लोगो के पास में धन , सुख , सम्पदा ठहरता नहीं है और ऐसे लोगो के घरो में हमेशा कलह बना रहता है साथ ही ऐसे लोग को समय में किसी भी प्रकार के सहायता नहीं मिल पाते है ।
  • चौथी नजर से देखा जाये तो यदि कोई व्यक्ति झूठ बोलते हुए जिंदगी जी रहा है तो आप देखेंगे की ऐसे व्यक्ति बुढ़ापे के समय बहुत ही ज्यादा इनकी परिस्थिति दयनीय हो जाती है ।
  • पांचवी परिस्थिति में देखा जाय तो खुश लोग मात्र दिखावे के लिए झूठ बोलते है ऐसे लोग के साथ में सच सामने आ जाता है तब ऐसे लोग अपने आप को बहुत सर्मिन्दा महशुश करते है साथ ही शर्म के कारण से समाज में इसका व्यक्तित्व दब जाता है

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झूठ बोलना कैसे सीखते है ?

दोस्तों यदि देखा जाय तो आदमी झूठ बोलना उम्र के हिसाब से दो तरीके से सीखता है । पहला जब बच्चा जा छोटा होता है अपने माँ के गोद में खेलता रहता है । जब वह 5-6 साल की उम्र में होता है तब वह झुठ बोलना सीखता है । इस उम्र में बच्चे दुसरो से सुनकर के , बड़ो की बातें को सुनकर के , यदि पड़ोस में कोई दूसरा बच्चा है तो उससे भी झूठ बोलना सिख लेता ही और आजकल की बात करे तो बच्चे ज्यादा झूठ बोलना टीवी से या तो फिर इंटरनेट के माधयम दे झूठ बोलना सिख रहा है ।

वंही दूसरी उम्र होती है जब 6-7 साल बड़े होने के बाद में इस उम्र में खासकर के तो घर में यदि कोई झूठ बोलने वाला व्यक्ति है तो उसे सुनकर के और यदि किसी की गलत सांगत में है तो गलत सांगत में भी झूठ बोलना सिख जाते है । यंहा भी टीवी और इंटरनेट इनके लिए तो झूठ का खजाना हो जाता है ।

इसके बारे में दो छोटे से #shortstory के द्वारा हम आपको समझाने वाले है । जिसको आप इसे #बच्चो पर भी कर सकते है इसका सबसे ज्यादा पालन तो उनके माता-पिता को करना होगा तभी आपके #बच्चे आपसे #झूठ बोलना बंद करेंगे ।

यदि आप बाहरी दुनिया में देखेंगे और सोचेंगे तो #बच्चे को सीखने वाला कोई नहीं मिलता सिर्फ उनके माता-पिता ही उसे अच्छी शिक्षा दे सकते है । माता-पिता को भी चाहिए वे बोले ही नहीं बल्कि उसे स्वयं भी फॉलो करे तभी जाकर वे अपने #बच्चे को सही दिशा प्रदान कर सकता है ।


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तो आइए जानते है इस कहानी को

पहला #कहानी  –

एक बार एक व्यक्ति अपने छोटे से #बच्चे को गोद में बैठाकर बहुत अच्छी अच्छी बाते बता रहा था उन्हें सीखा रहा था । #बेटा कभी #झूठ नहीं बोलना , #बेटा कभी लालच नहीं करना , कभी किसी को अपमानित मत करना , कभी किसी बड़े व्यक्ति गाली मत देना बहुत सारे अच्छी बाते इसके अलावा #बेटा कभी चोरी नहीं करना चाहिए ।
उनका छोटा #बेटा अपने पिता जी के बात को बड़े ध्यान से सुन रहा था ।

लड़के के पिता जी बड़े प्यार से बेटे से कहते है तुम्हे लगता है चोरी को अकेला किया जाता । जब कोई नहीं रहता तब किया जाता है लेकिन #बेटा जब तुम चोरी करते हो तो उन्हें भगवान हर जगह से देखता है , हर कोने से देखते है । वे तुम्हे चोरी करते हुए देखते है तो तुम्हे दंड जरूर देंगे , तुम्हे सजा मिलेगा ।

उनका बच्चा थोड़ा डर गया ।

बाप को जब भी समय मिलता और बेटे जब भी छोटे-मोटे नटखट , सैतानी काम कर देता तो अपने छोटे बेटे को पास में बुलाकर बड़े प्यार से ये सभी बाते अपने छोटे बेटे को समझाते थे । #बेटा उनके बात को बड़े ध्यान से सुनता और शैतानी काम , नटखट काम को बंद कर देते ।

झूठ बोलने से क्या होता है । झूठ बोलने के 10 नुकसान
झूठ बोलने से क्या होता है । झूठ बोलने के 10 नुकसान

कुछ साल बीतने के उस गांव में उस गांव में अच्छे से बरसात नहीं हो रहे थे । बरसात नहीं होने से फसल नहीं उगा पा रहे थे ।
तो एक दिन वो पिता अपने #बच्चे को साथ लेकर के दूसरे गांव में चले गए । उस गांव में उन्हें एक बड़ा गेहूं का खेत मिलता है । गेहूं उस समय सुख कर लहलहा रहा था । दूसरे खेत में जाता है उन्हें वहां चना मिलता है । चना भी सूखने वाले था लेकिन पूरे तरीके से सूखा नहीं ।

फिर वहां से दोनों वापस आते है और गेहूं के खेत में चले जाते है ।
लड़के के पिता जी ने कहां मै थोड़ा गेहूं का अनाज ले लेता हूं तुम रास्ते में देखकर बताना कोई देख तो नहीं रहा है मुझे , यदि देख रहा होगा तो बताना आवाज लगा देना और कोई रास्ते में आते दिखे तो भी मुझे आवाज लगा देना ।

पिता जी, बेटे को रास्ते में खड़े करके खेत में गेहूं लेने के चले गए ।
जैसे ही उनके पिता जी गेहूं के दानों को तोड़ने लगे है वैसे ही लड़का जोर आवाज लगता है ।

#बेटा – पिता जी कोई देख रहा है ?
पिता जी – कौन देख रहा है ?
#बेटा – भगवान !
बेटे के बात को सुनकर उनके पिता जी गेहूं के दाने को छोड़कर घर चले जाते है ।

लड़का को ये बात पहले से सुनता आ रहा था इसलिए लड़का ने यह बात कह दी ।
यदि लड़का जवाब नहीं देता तो क्या सोचता ?
लड़का सोचता की पिता जी जो भी बाते बताया है वो खुद पर लागू नहीं कर पा रहे तो चोरी करना कोई इतनी बड़ी बात नहीं है । चोरी करने से कोई सजा नहीं मिलती , कोई दंड नहीं मिलता ये सोचकर वो बार-बार चोरी करते । उन्हें लगता कि भगवान वगैरह कुछ नहीं होता , एकांत में चोरी करने से हमें कोई कोई नहीं देखता है । ये उनके मन में बैठ जाता ।

यदि आप देखेंगे कि एक बचपन के उम्र तक मां-बाप का सिखाया हुआ ही उनके लिए सब कुछ होता है । उनके द्वारा बताया गया हर बात उनके लिए सही होता है । उन्ही बातों को वो सही मानकर के उसे अपनाते भी है और सही मानते भी हैं ।

इसलिए किसी भी #बच्चे के सामने किसी भी बात को बताने के बाद में उसे अमल भी करना चाहिए । खासकर के उसके माता-पिता को ज्यादा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसी के बातों को बचपन में #बच्चे ज्यादा मानते , सुनते है , उन्ही के बातों को अनुसरण भी करते है । इसलिए ज्यादा ध्यान माता-पिता को रखना चाहिए ।

इसके अलावा उस घर के परिवार वालो , घर के जितने भी सदस्य है उनको भी इस बात को लेकर बहुत ही ज्यादा ध्यान रखना चाहिए । बचपन में उनके माता पिता ही उनके गूगल है । वे जो भी बोलते है वे ही उनके संस्कार होते है ।

एक संस्कारी व्यक्ति दुनिया में कहीं भी जाए वे अच्छे काम ही करेगा । यदि संस्कार थोड़े बहुत कम हुआ तो वे थोड़े से गलत संगति भी उन्हें पूरा बिगाड़ सकते है ।
इसलिए अपने #बच्चो के सामने अच्छे अच्छे बाते सिखाए भी और उनके सामने करे भी उसे करे भी जिन्दगी में उतारे भी तभी #बच्चे देखकर और सुनकर के सीख पाएंगे । दोस्तों ये पहली कहानी रही झूठ बोलने से क्या होता है ? , झूठ बोलने के नुकसान ? ,झूठ बोलना आदि के बारे में और खासकर के बच्चो को झूठ बोलने से कैसे सुधरे इसके बारे में इसके बाद एक और कहानी है ।


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दूसरी कहानी  –

एक छोटे से गांव में एक बड़े बुद्धिमान व्यक्ति था । थोड़ा सा धार्मिक किसम का व्यक्ति था । वो रोज सुबह चार बजे उठकर के नहाने जाते और भगवान की पूजा अर्चना करते फिर कहीं भी काम करने के लिए चले जाते थे ।

उसी रास्ते से रोज एक लड़का ऑफिस काम के लिए जाते थे । वो लड़का उस रोज एक समय में उसे रास्ते में मिलता । दोनों एक दूसरे को देखते और चले जाते ।

एक दिन लड़का छुट्टी था । लड़का ने सोचा कि चलो आज इस आज इस व्यक्ति से बात किया जाए ।
लड़का मुंड बनाकर के उस व्यक्ति के पास पहुंचा ।
व्यक्ति बैठा हुआ था ।
लड़का ने व्यक्ति से कहा मै आपको ऑफिस जाते समय रोज देखता हूं । आप हमेशा खुश क्यों रहते है ? , क्या कारण है आपके खुशी का ?
व्यक्ति कहता है – मै रोज सुबह चार बजे उठता हूं । उस समय किसी भी प्रकार के सोर गुल नहीं होता है । मै खुश होकर के स्नान करता हूं , पूजा करता हूं । तब मुझे आत्मिक शांति मिलता है । यही मेरे खुशी का कारण है ।

लड़का मजाक में था , उसने फिर से एक नया प्रश्न पूछता है – मैंने आपके बारे में सुना है कि आप कभी भी #झूठ नहीं बोलते ?
व्यक्ति ने कहा – हा मै कभी भी #झूठ नहीं बोलता ।

लड़के ने फिर जवाब किया – आपको कैसे संस्कार दिया गया था ?
व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा – तो सुनो जब मै छोटा तो मेरे तो बचपन में उतना #झूठ बोल नहीं पाते थे । कुछ #झूठ को चलो जाने दो करके ध्यान नहीं देते थे लेकिन उन्हें पता रहता था ।

कभी-कभी #झूठ बोल देते थे तो हमारे पिता जी , माता जी बीमार होने का नाटक करते कि उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गया ।

मै ये देखकर बहुत डर जाता फिर उसके बाद में कभी #झूठ नहीं बोलता ।
वे हमेशा कहते कि #झूठ बोलने पर बीमार हो जाते है ।

तो यहां उनके माता-पिता बता भी रहे और उनका पालन भी कर रहे है । यदि आप देखेंगे कि कहने और पालन करने दोनों को साथ-साथ करने के बाद एक तरफ उसे सुन रहा है और सुने हुए कथन को देख भी लेता है ।
येस करने से #बच्चे कभी भी #झूठ नहीं बोलते है ।

झूठ बोलने के परिणाम – 

जैसे की दोस्तों आपको पहले ही बता दिया गया था की झूठ बोलने से क्या होता है । तो आपको और बता देता हु । दोस्तों यदि देखा जाय तो झूठ बोलना एक पाप है और इस पाप को हमें इसी जिंदगी में भुगतना पड़ता है । चाहे ये कैसे भी हो सकता है ये हमारे साथ में धन की हानि के साथ या फिर हमारे साथ में बीमारी के साथ में हो सकता है ।

पाप का कोई रूप नहीं होता है ये किसी भी समय हमारे जिंदगी में आ सकते है इसका कोई पता नहीं ये ये तुरंत भी हो सकता है , कुछ सफ्ताह बाद भी हो सकता है या फिर कुछ साल बाद में हो सकता है इसका समय नहीं बताया जा सकता है और हमें इसी जन्म में भुगतना पड़ेगा ।

कैसे खतरनाक है झूठ बोलना ?

कई रिसर्च में देखा गया है की ऐमिग्डाल में नेगेटिव रिएक्शन सबसे पहली बार आप झूठ बोलते समय दिखाई देता है और ये रीएक्शन तब तक दिखाई देखे देता है जब तक की आप दूसरा झूठ को नहीं बोल लेते है । इसी प्रकार से हम झूठ बोलते जाते है और यही झूठ के आदि हो जाते है । मतलब की झूठ बोलना केमिकल और साइकोलॉजिकली रूप से आपके अंदर ऐसी टेंडेंसी बन जाता है और हमरा इसके करना से करेक्टर करब हो जाता है ।

ऐमिग्डाल – हमारे ब्रेन का वो खास हिस्सा है जो डर, चिंता और इमोशनल रिस्पॉंस पैदा करता है, जैसे झूठ बोलने के समय पछतावे, ग्लानि या डर जैसी फीलिंग्स. बार-बार झूठ बोलने से इसका रिस्पॉंस देना एक तरह से बंद होता जाता है. और हमारी फीलिंग ख़त्म हो जाती है और फीलींग न होने से हम बार-बार झूठ बोलते है ।

क्या झूठ से छुटकारा संभव है?

दोस्तों झूठ बोलना बिलकुल सरल है लेकिन सच से छुटकारा पाना कठिन भी नहीं है । झूठ से छुटकारा पाने के लिए आप अपने दोस्तों या परिवार के लोगो का सहारा लेकर के उसके साथ में सच बोलने की प्रैक्टिस करे और उनसे फीडबैक जरूर ले । जंहा तक हो सके अपने उन पुराने दोस्तों जो बहुत ही ज्यादा झूठ बोलते है ऐसे दोस्तों को छोड़ दे ।

दूसरी ये की आप अपने आप को बार बार अपने मन से जब भी झूठ बोलने की कोशिश करो तो आप अपने मन पर पूरा काबू कर ले और अपने मन को अंदर से मोटीवेट करते रहे तब जो है आप झूठ बोलने से बच सकते है । शुरुआत में ये करना आपके लिए कठिन जरूर हो सकते है लेकिन बाद में आदत होने के बाद में आप पुरे तरीके से अपने आप में झूठ बोलना बंद कर देने और समाज में एक नए व्यक्ति के रूप में आएंगे .


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