गौतम बुद्ध के उपदेश pdf
1 . वर्तमान में खुशी का रास्ता है
महात्मा बुद्ध ने अपनी 6 सालों तक के घोर तपस्या के बाद केवल यह जानने के लिए की जिंदगी में असली सुख क्या है ? और दुख का कारण क्या है ? दुख क्यों होते हैं ? ,
और दुख निवारण किस प्रकार से किया जा सकता है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर तपस्या के माध्यम से प्राप्त किया . महात्मा बुद्ध को तपस्या करने के बाद जो ज्ञान की प्राप्ति हुई वह कटु सत्य है कि मनुष्य दुख का कारण मनुष्य की इच्छा है जिसके कारण से प्राप्त करता है . यदि मनुष्य अपने भविष्य और भूतकाल की घटनाओं की कल्पना में ही यदि जीता रहे तो उन्हें दुख की प्राप्ति होगी जबकि उसको वर्तमान की जो वर्तमान के साथ रहता है , जो वर्तमान पर फोकस करता है वह जिंदगी भर कभी दुख नहीं रहता .
2 . मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है
क्रोध को लेकर (Gautam Buddha Ke Updesh) महत्वपूर्ण है . मनुष्य कभी अपने क्रोध के कारण से दंडित नहीं होता बल्कि वह अपने क्रोध से ही दंडित हो जाता है . मनुष्य हर किसी पर क्रोध करके किसी और का नहीं बल्कि अपना स्वयं का, खुद का ही नुकसान करते हैं इसलिए मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उनका क्रोध है अतः मनुष्य को क्रोध से बचना चाहिए और क्रोध पर नियंत्रण करना चाहिए .
3 . संदेह और की आदत सबसे बड़ा भयानक होता है
हमारा दिमाग और चित्र सबसे शांत उस अवस्था में होता है जब दिमाग के विचारों का घेराव बहुत ही कम हो . हमारा दिमाग कुछ ना कुछ , कभी ना कभी नए-नए विचारों के साथ , नए-नए विचारों को जन्म देते रहता है और यह विचार और कुछ नहीं है बल्कि यह विचार हमारे शक और संदेह ही है जो हमारे मन में बार-बार उठता रहता है की कहीं ना कहीं उत्तर की प्राप्ति हो जाए .
4 . आपको तभी इज्जत देंगे जब आप स्वयं पर जीत हासिल कर लेंगे
(गौतम बुद्ध के उपदेश pdf ) Gautam Budh Ke Updesh ने स्वयं पर जीत को लेकर अच्छा सुविचार दिया है दुनिया पर आप कितनी भी जीत हासिल क्यों ना कर ले लेकिन सबसे बड़ी जीत आपको तभी प्राप्त होगी जब आप अपने खुद के अंदर और खुद पर जीत हासिल कर लेंगे तब जीत आपकी होगी चाहे आप हार ही क्यों न गए हो लेकिन आप स्वयं को जीता हुआ महसूस तरीके .
5 . सूर्य , चंद्र और सत्य कभी भी छुप नहीं सकते
हम अपनी लाखों कोशिश कर ले या फिर हम चाह लें यदि प्रकृति की जो घटनाक्रम है उसे बदलने की तो हम चाह कर भी इस प्रकृति की जो घटनाक्रम है उसे हम बदल नहीं सकते हैं जिस प्रकार से सूर्य है , चंद्रमा है वह अपने समय पर हमें दिखलाई देते हैं ठीक इसी प्रकार से सत्य भी अपने समय आने पर अपना प्रकाश उजागर करता है और सत्य का मार्ग दिखाते हैं .
6 . लक्ष्य को पानी से अच्छा है यात्रा को ठीक से करना
महात्मा बुद्ध के उपदेश (गौतम बुद्ध के उपदेश pdf) मैं महात्मा बुद्ध ने कहा है हम सभी अपने लक्ष्य के पीछे भागते रहते हैं . हमको हमारा लक्ष्य मालूम है . आपने कभी यह विचार नहीं किया कि जब आपको लक्ष्य मिल जाएगा तब आप क्या करेंगे? निश्चित ही तब आप एक नए लक्ष्य की ओर फिर से भागना शुरु शुरु करेंगे .
इसका तात्पर्य यह हुआ कि हम जिंदगी भर किसी भी चीज से संतुष्ट नहीं हैं हम एक को प्राप्त करने के बाद दूसरे को प्राप्त करने के लिए उसके पीछे पीछे भागे चले जाते हैं और उसी पीछे पीछे जाने से हम वर्तमान में लक्ष्य की यात्रा कर रहे हैं . यदि आपको कभी लक्ष्य हासिल किया है तो वह सिर्फ और सिर्फ आपका भूतकाल था जो आज भी अपने लक्ष्य के पीछे भाग रहे हैं .
7 . बुराई को सिर्फ और सिर्फ प्रेम से जीता जा सकता है

जिंदगी में सिर्फ दो पहलू हैं एक है अच्छाई और दूसरा है बुराई जिसमें बुराई हमेशा बुराई ही उत्पन्न करती है . और बुराई कभी अच्छा ए उत्पन्न नहीं कर सकती . बुराई करने से दुख उत्पन्न होता है और दुख से चिंता . चिंता ही मनुष्य को अंदर ही अंदर खोखला बनाता जाता है.
8 . खुशियों को जितना बांटोगे उतनी ही बढ़ती रहेगीGautam Buddha Ke Updesh (गौतम बुद्ध के उपदेश pdf) मैं कहते हैं की एक मोमबत्ती के सहारे सैकड़ों दीपक को जलाया जा सकता है फिर भी मोमबत्ती की रोशनी कभी कम नहीं होती है ठीक इसी प्रकार से खुशियां बांटने से कभी कम नहीं होती बल्कि बढ़ती ही जाती है.9 . पशु हिंसा से बचे Gautam Budh Ke Updesh (गौतम बुद्ध के उपदेश pdf) गौतम बुद्ध बतलाते हैं पहले तीन ही जैसे – इच्छा ,सुद्धा, बुढ़ापा रोग थे जो पशुओं की हत्या होने के कारण बढ़कर के 98 हो गए हैं .