100+ Best chhattigarhi ramayan shayari || छत्तीसगढ़ी रामायण शायरी

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हेलो दोस्तों स्वागत हे आप सभी मन के हमर छत्तीसगढ़ी chhattigarhi ramayan shayari वेबसाइट पोस्ट में जेमा हमन ह ये ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के कल्चर , छत्तीसगढ़ के सभ्यता , छत्तीसगढ़ के प्राचीन लोक कहानी , छत्तीसगढ़ के लोक कथनी , अउ छत्तीसगढ़ के सभी प्रकार के मनोरंजन के बारे में जानकारी आप सभी छत्तीगढ़ के निवासी मन ला दे के कोशिश करथव . अधिक

संगवारी हो आज के ये पोस्ट हरे हमर छत्तीसगढ़ के संस्कृति में माता सीता अउ राजा राम के कुछ कुटिया है मिले रिहिस हे तेकर कारण से छत्तीसगढ़ के महीना ह अउ बढ़ गिस हे । जेकर से छत्तीसगढ़ में chhattisgarhi ramayan shayari के अउ प्रचलन ज्याद बढ़ गिस हे ।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको छत्तीसगढ़ी रामायण शायरी/ chhattigarhi ramayan shayari के बारे में विस्तार के साथ में जानकारी देने वाला हु । जो रामायण से होते हुए छत्तीसगढ़ के राम कथाओ में बोले जाते है ।

मई आप सभी लोगो को इस पोस्ट के बारे में पहले से ही आगाह कर देना चाहता हु की इस आपको पूरी जानकरी दे दी जा रही है । और इस पोस्ट को लिखने के लिए मुझे काफी रिसर्च करना पढ़ा है तब जाकर के मई इस पोस्ट को लिख रहा हु ।

उम्मीद है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद में आपको रामायण के chhattisgarhi ramayan shayari के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो जियेगी ।

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chhattigarhi ramayan shayari list

यंहा पर आपको छत्तीसगढ़ी रामायण शायरी के लिस्ट दिया जा रहा है :-

1 . मन में मैल भरे हे प्राणी
तन उजराय ले का होही
पाप भरे तोर अंतस भीतरी
त नंगा नहाय ले का होही
माते रहिथस तै जनाजा दारु म
अउ रमायन सुने ले का होही
एक बारे कान्हू दे देस धोखा
त भरोषा देवाय ले का होही
मितान के तै ह मिटानी नै जाने
मितान बढे ले का होही
मन में तोर दलिद्री भरे हे
त उपास रहे ले का होही

दान दिए तै अखर के संगी
त दान दिए ले का होही
धर बांधे तन्हु भक्ति ला करबे
त भक्ति करे ले का होही
सत्संग में कभू बैठे नहीं ता
संत बने ले का होही
गिरे थके के दुःख नै जाने ता
मनखे बने से का होही
मन में मैल भरे हे प्राणी
तन उजराय ले का होही ||

2 . ये जिंदगी हरे साहब
छोड़कर के चले जाहि
मेज में होही तस्वीर
कुर्शी खाली के खाली रह जाहि
आये हुए सभु सुनने वालो का
सभी भाइयो और बहनो का
और नारी शक्ति को मई प्रणाम करता हु
और यह आज का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा होगा ||

3 . जब शौक हो रब से मिलने का तो
मौत भी नियामत लगती है
जब सजदे में प्रभु तेरे गिर जाता हु
वो भी रब से बात लगती है ||

4 . तुम नाहक टुकड़े चुन चुनकर
दामन में छुपाये बैठे हो
शीशो का मसीहा कोई नहीं
क्या आस लगाकर के बैठे हो ||


5 . हे माँ अत्यंत परिमित है तेरी महिमा
सदा पुत्र के लिए करती है तू गरिमा
दासी सी तू पुत्र की सेवा करती
सदा मित्र की भांति विघ्नबाधा हरति
देती उसको सतत सीखा जैसे शिक्षक जैसी
अउ करती उसकी देखभाल संरक्षक जैसी
अउ करती उसकी देखभाल संरक्षक जैसी ||

6 . घर में रामायण घर में पोथी
घर में रामायण घर में पोथी
घर में कुरान-गीता जी
घर में कुरान-गीता जी
घर ही सुन्दर मंदिर हे
देवता माता-पिता जी ||
घर में रामायण घर में पोथी

chhattigarhi ramayan shayari
chhattigarhi ramayan shayari

7 . तुसली पंछी के सविता घटे, न घटे न नीर
धर्म किये धन न घटे
कहगए संत कबीर
इस्वर के कृपा से पांच के पचीस मिले
अउ स्वर्ग जइसे सुख शांति के फुल खिले
यही शुभकामना , यही मंगल भावना ||

8 . कान्हा जाबे भैया ये सत्संग ले उठ के
अरे मन मोरे कहना आजा जी लहुट के
सुर , मीरा , तुलसी, कबीरा जइसे तन्हु नहा ले
भरे हे तरिया , पाप के करिया, पाप ला तहु बोहा ले
रतहां डारा जइसे गिरबे एक दिन टूट के
मान मोर कहना आजा तै लहुट के ||

9 . छत्तीसगढ़ के सिहावा डोंगरी जिन्हा श्रृंगी ऋषि के आश्रम हे
अमृतकस उदम जंहा महानदी के उद्गम हे
छोटे छोटे गांव बसे जंहा महानदी के खंड हे
प्रेम प्यार सहकर भरे सुन्दर छत्तीसगढ़ हे
छत्तीसगढ़ के बेटी कौसल्या तेकर बीटा राम हे
अउ वीर पुत्र ला जन्म देविया दाई ला मोर प्रणाम हे || ( chhattigarhi ramayan shayari)

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