जय जोहार संगी हो आप सभी की पसंदीदा कहानी चुरकी मुरकी छत्तीसगढ़ी कहानी | (Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki) सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के लोककथा में प्रचलित कहानी में से एक है । हमारे समय में भी इस लोक कथा को हम सुनते आ रहे है लेकिन आज भी यह chhattisgarhi kahaniyan उतनी ही अच्छी लगती है जितनी की पहले के समय में अपने दादा , दादी के पास में बैठकर के सुनते आ रहे थे ।
जब भी चुरकी मुरकी cg kahani | Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki लोक कथा को पड़ते है या सुनते है तो हमें अपने बचपन के याद आ जाती है । की कैसे हम अपने दादा जी के गोद में बैठकर के chhattisgahi kahani का सुनते थे ।
तो चलिए दोस्तों आप सभी की और हमारी प्राचीन chhattisgahri kahani चुरकी मुरकी छत्तीसगढ़ी कहानी | kahani cg me Churki Au Murki को बड़े ध्यान से पढ़ते है ।
चुरकी मुरकी छत्तीसगढ़ी कहानी | Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki
तइहा के बात आये यह ठन गांव माँ दू बहिनी राहये । एक झन के नाम राहये चुरकी ता दूसर के नाम राहये मुरकी । जैसे उकर नाम के नाम वइसने उकर मन के स्वभाव ।
चुरकी के आदात अउ व्यव्हार है बढ़ सुघ्घर ओहा सब के भला करने वाली , सब के मदद करने वाली लड़की रथे । फेर मुरकी जउन है रथे तेहै एकदम मुड़ी अउ ठीठ किस्म के टुरी रथे ओहा बढ़ घमडी रथे ।
चुरकी अउ मुरकी के गांव ले थोरकिन दूरिया मा ओकर ममा के गांव राहये । चुरकी है गुंथे बढ़ दिन हो गेहे मोला ममा यंहा गे मोला ममा यंहा जाना चाही । अइसने गन के चुरकी है दूसर दिन ममा गांव जाए बर निकल जथे ।
ममा गांव जाये के रद्दा मा बढ़ जंगल झाड़ी अउ नदिया आथे । चुरकी है रेंगत रेंगत ममा गांव जावत रथे अतकेच मा रद्दा मा ओला एक ठन बोइर के रुख है दिखथे ।
वो बोइर के रुख है चुरकी ला कथे – सुन तो नोनी । चुरकी है येति कोती ला देखथे – कौन मोला हाँक पारत हे ।
अतकेच मा बोइर के रुक है कथे – में हरो नोनी बोइर के पेड़ । चुरकी है बोइर के रुख ला देखथे कथे – का होंगे वो सब बने बने तो हे न ।
एमा बोइर के रुख है कथे सब बने बने नोनी फेर तेहा मोर एक ठन मदद करबे का । चुरकी हा कथे कबर नई करहु बता न का करना हे ।
ता बोइर के रुख हा कथे – नोनी मोर खाल्हे मा बढ़ कांटा मन के कचरा हा बगर गे हे । येति ले जउन रद्दा रेंगइया नाहकथे वो मन मोर कांटा ले बढ़ परसानी होथे । का तेहा ये कांटा के सफाई कर देबे ।
येमा चुरकी हा कथे – बिलकुल कर दुहु । चुरकी हा देखते देखत बोइर रुख कर के कांटा ला सब्बो साफ कर देथे । बोइर रुख का चुरकी ला धन्यवाद देथे ।
चुरकी हा अपन ममा गांव दहन आगू बढ़ते । थोरकिन दूर में जाये के बाद में ओला गईया मन के गौशाला हा दिखथे । ओ गौशाला के एक ठन गईया हा चुरकी ला जोर से आवाज लगाथे – सुन तो नोनी ।
चुरकी हा फेर येति कोती ला देखे बर लगथे ।
ता गईया हा कथे – में हरो नोनी गौमाता । अब चुरकी हा गौमाता ला कथे – का होंगे वो सब बने बने तो हे न , येमा गौमाता हा कथे – सब बने बने हे । फेर मोर एक ठन काम ला करबे ।
Chhattisgarhi Kahani सोन के फर | छत्तीसगढ़ी कहानी
chhattisgarh ke lokgeet || छत्तीसगढ़ के लोकगीत
Top 3 Chhattisgarhi Kahani डोकरी अउ डोकरा | छत्तीसगढ़ी कहानी
चुरकी हा गौमाता ला फिर से कथे बता न का काम करना हे ।
ता ओ गईया हा कथे नोनी देख न हमर गौशाला में अब्बड़ के गोबर गोबर भरा गे हे , अउ पूरा गौशाला हा पूरा महकत हवे । का तेहा हमर ये गोबर के सफाई कर देबे ।
येमा चुरकी हा कथे – हव मेहा कर दुहु । अउ देखते देखत चुरकी हा सब्बो गौशाला के गोबर ला हटा के गौशाला ला पूरा साफ कर देथे अउ अंत में सफाई ला देख के गौमाता हा चुरकी ला धन्यवाद देथे ।
अउ अंत में चुरकी है अपन ममा घर जाए के रद्दा मा आगू बाद जाथे ।
धीरे धीरे रेगत जात रथे ता ओला सांप के भिंभोरा है दिखथे जेमे एक ठन नांग सांप हा बाद उदास दिखत रथे । चुरकी हा ओ नाग देव करा जाके के ओला पूछथे का होंगे ग ते उदास कबर हैवे हस .
एमा वो नांग देव हा कथे – का बताओ नोनी मोर ये भिंभोरा जगह में बढ़ कचरा हो गे हे । मोर भिंभोरा हा घलो थोरकिन ओदर गे हे , मोर कोन्हो मदद कोन्हो मदद कर देतिस ता मोर उदाशी हा माड़ जतिस ।
नाग के बात ला सुन के चुरकी हा कथे – ते उदास झन हो नांग देव महराज में तोर मदद जरूर करहु । अउ अइसने कही के चुरकी हा भिंभोरा मेर के कचरा ला साफ कर दिस अउ ओकर ओदर गे ते भिंभोरा ला साब घलो दिस । नाग देव हा चुरकी के काम ला देख के बढ़ प्रसन्न होथे अउ ओला बहुत बहुत धन्यवाद देथे ।
अब अंत मा धीरे धीरे रेंगत रेंगत चुरकी हा अपन ममा गांव पहुंच जथे ।
ममा हा चुरकी ला आये देख के ओखर बढ़ सेवा करथे , चुरकी बर कई किस्म के खाई खजाना लाथे । अउ ओला नवा नवा कपडा सील के तगो देथे । चुरकी हा अपन ममा के साथ में खूब खेलथे , अउ खूब मज़ा करथे ।
अब कुछ दिन रहे के बाद में दिन चुरकी हा अपन ममा ले बिदा लेथे अउ अपन घर कोती जाए बर पैदल निकल जथे ।
TOP 5 Chhattisgarh Ke Lok Katha || छत्तीसगढ़ के लोक कथा
Top 2 छत्तीसगढ़ की लोक कथा – ब्राम्हण और भाट की कहानी
लीलावती और आगर की प्रेम कहानी || Chhattisgarh Ki Kisi Ek Nadi Se Sambandhit Lok Katha
धीरे धीरे रेंगत रेंगत ओहा नाग देव के भिंभोरा के पास में पहुंचते . जिन्हे नाग देव हा बैठे रथे । नाग देव हा चुरकी ला आत देखते ता चुरकी बार एक ठन पोटली ला फट ले निकल के रख लेथे । चुरकी हा जब ओकर पास में पहुंचते ता ओहा चुरकी ला ओ पोटली का चुरकी ला दे देथे ।
चुरकी हा पूछथे का हरे नाग देव ?
ता नाग देव हा कथे – तेहै ओ दिन मोर सेवा करे रहे न ओकर ये इनाम हरे । येला तेहा रख ले । चुरकी हा ओ पोटली ला खोल के देखते ता ओमे बढ़ रुपया पैसा रखे रथे ।
चुरकी हा नाग देव ला प्रणाम करके , धन्यवाद देके घर कोती आगू बढ़ते ।
धीरे धीरे रेंगत आगू बढ़ते ता ओला ओ गाय के गौशाला दिखथे । गौशाला के पास में जब जाते ता ओ गौमाता जेकर चुरकी हा मदद करे रथे ओहा एक ठन डब्बा में बढ़ अकन दूध भरे रथे ।
गौमाता हा चुरकी ला हांक पारथे अउ कथे एले नोनी ये डब्बा के दूध , तोर बर हरे अउ तेहा एकर खीर बना के खाबे ।
चुरकी हा समझ जथे की गौमाता के मदद करे रथे तेकर सेती ले दे हे । चुरकी हा गौमाता ला धन्यवाद कर के घर कोती आये बर आगू बढ़ जथे ।
अब थोरकिन दूर में रेंगे के बाद में ओला बोइर के पेड़ हा दिखथे जेकर चुरकी हा मदद करे रथे । चुरकी हा बोइर रुख करा पहुंचते ता बोइर रुख हा चुरकी ला हांक पारथे अउ कथे – सुन तो नोनी तोर बर मेहा मीठ मीठ बोइर ला सकल के रखे हो । तेहा येला ले जा वो दिन तेहा मोर बढ़ मदद करे रहे । यह ओकरे इनाम हरे ।
चुरकी हा सब्बो बोइर ला मोटरा में बांध लेथे । अउ बोइर के रुख ला बढ़ धन्यवाद करके अपन घर कोती आय बर उन्हे ले निकल जथे ।
थोरकिन देर रेंगे के बाद ने चुरकी हा अपन घर पहुंच जथे । चुरकी करा बढ़ अकन पैसा , खाई खजाना , ला देख के मुरकी ला बढ़ जलन होथे ।
मुरकी ला बढ़ चलन के मरे कथे ओहो ममा हा तोर बढ़ खातिरदारी करे हे लागथे तभी टोला अत्तिक अकन चीज ला दे हे । मुरकी ह कथे अब तो मोला जाना पढ़हि ममा गांव . अउ मेहा तको अइसनेच बहुत अकन चीज लेके आनहु ।
TOP 3 Mahendra Dogney Motivational Story In Hindi
TOP 10 Sandeep Maheshwari Motivational Story In Hindi
Top 7 Sonu Sharma Motivational Story In Hindi
अब दूसर दिन मुरकी हा मन बना के ममा गांव ढहान जाये बर निकल जथे । मुरकी के रद्दा में फिर वो बोइर के रुख हा मिलथे । जेकर ओकर बहिनी हा मदद करे रथे ।
ओ बोइर के रुख हा ये दरी मुरकी ला कथे – का ते मोर मदद कर देबे , मोर खाल्हे मा कांटा के बढ़ अकन कचरा हो गे हे । का ते येला साफ कर देबे का नोनी ।
येला सुन के मुरकी हा कथे – चल हट में तोर नौकर लगे हो का , मेहर एकर ला काबर साफ करहु । अइसने कही के मुरकी हा आगू गुस्सा गुस्सा में रेंग देथे ।
कुछ देर रेंगे के बाद में ओला गौशाला अउ नाग दे के भिंभोरा हा तको मिलथे उहू मन हा मुरकी ला मदद करे बर कथे लेकिन मुरकी तो रहए घमंडी किस्म के , अकड़ वाली लड़की ओहा न तो गौशाला के गाय के मदद करथे अउ न ही नाग देवता के । गुस्सा गुस्सा में ओ मन ला अनब सनाब कही के ओहा अपन ममा घर कोती आगू बढ़ जथे ।
अंत में कुछ देर रेंगे के बाद में अपन पहुंच जथे । मुरकी ला आये देख के मुरकी के खूब सेवा करथे । अउ ओला रंग रंग के पकवान तको खवाथे ।
मुरकी हा सोचथे की चुरकी असन ओला मस्त मस्त कपडा सील के दिहि । लेकिन ओखर ममा हा मुरकी ला नवा कपडा नई दे पाए । एमा मुरकी ला अपन ममा बर बढ़ रिस आते । अउ अपन ममा ले लड़ाई झगड़ा कर के दूसर दिन ममा घर ले वापस हो जथे ।
ममा ल तो कुछु समझ में नई आये । मुरकी ला का होंगे हे अत्तिक जड़ हो गेहे लेकिन रिस करे बर नई झोड़े हे ।

अब मुरकी हा लेकर धकर रिस के मारे घर कोती आत रथे । अंधियार के बेरा तको हो जथे । रद्दा में ओला यही नांग देव के भिंभोरा हा देखथे जमा बढ़ अकन नाग सांप मन मुरकी ला चाबे असन , ओकर तीर मा आत रथे । मुरकी हा येला देख के डर्रा जथे । अउ पल्ला भागथे ।
दौड़त दौड़त ओहा ओ गौशाला करा पहुंच जथे । अउ ओमेर बैठ के सुरताय के कोशिस करथे । फेर गौशाला के सब्बो गरवा मन हा हुमेले कस करथे । येला देख के अफरात अफरात मुरकी हा फेर पल्ला भागथे ।
अउ पल्ला भागत-भागत ओहा बोइर के रुख में पहुंच जथे । बिचारि मुरकी हा दौड़े ने हफर जा रथे की ओकर गोड में भरी अकन कांटा मन हा गढ़ जा रथे । दुनो गोड हा कांटा गड़ाई के मारे खूने-खून हो जथे । रद्दा में कई बेरा हपते अउ गिरे के सेती मुरकी के कपडा लत्ता हा घलो जगा-जगा ले चीरा जा रथे ।
You tube se lakho kaise kamaye
छोटे से गांव से लाखो कमाने वाले Harsh Rajput Ki Success Story
घर मा चुरकी हा कुछु काम बुता ला करत रथे । मुरकी के ये दसा ला देख के चुरकी हा अपन काम बुता ला छोड़ के दौड़त दौड़त मुरकी करा आथे ।
चुरकी हा मुरकी ला पूछते की तोर ये हालत कैसे होइस बहिनी । येमा मुरकी हा अपन सबो घटना ला एक एक करके चुरकी ला बताथे । चुरकी हा सब्बो बात ला समझ जथे । अउ बात ला समझ के मुरकी ला समझाथे की देख बहिनी अगर तेहा घमंड नई करतेस , अउ रद्दा में सब के मदद करतेस ता आज तोर ये अइसन हालत नई होतिस ।
चुरकी के बात ला सुन के मुरकी ला अपन गलती के अहसास हो जथे अउ अपन गलती के बढ़ पछतावा होथे फेर ओ दिन मुरकी हा कसम खा लेथे की ओहा अब से कभू भी घमंड नई करे , सबके मदद करहि , अउ सबसे मिल के रही ।
ता ये छोटे से cg story से हम लोगो को शिक्षा मिलती है की हम लोगो को एक दूसर के मदद करना चाहिए । अपन आप ला बहुत बढ़ माने के घमंड नई करना चाहिए । जो व्यक्ति दुसरो का मदद करता है उसको भगवान बिना किसी मन मनौती के उसके सभी मनो कामना ला पूरा करथे । हामान ला दूसर से उसनेच व्यवहार करना चाहिए । जइसन हमन हा दूसर ले चाहथन ।
संगवारी हो ये रही आप लोगो की पसंदीदा कहानी चुरकी मुरकी cg kahaniyan (Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki) ये कहानी आप सभी लोगो को पसंद आया होगा । चुरकी मुरकी छत्तीसगढ़ी कहानी | Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki आपको पसंद आया होगा तो आपको is कहन्हि को अपने दोस्तों के पास में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में शेयर जरूर करे ।
आपकी एक शेयर हमें और अच्छी कहानी लिखने के लिए प्रेरित करती है । तो प्लीज् दोस्तों चुरकी मुरकी chhattisgarhi mein kahani | Chhattisgarhi Kahani Churki Au Murki को अपने दोस्तों के पास में शेयर जरूर करे ।
my opinion
दोस्तों हमारी यह चुरकी मुरकी की cg kahani आपको कैसी लगी आप हमें रिव्यू ऊपर दिए गए हैं जिन्हें आप रिव्यू दे करके बता सकते हैं . यदि आपको यह kahani cg me अच्छी लगती है तो आप हमें फाइवस्टार दे सकते हैं . यदि इस cg story में थोड़े बहुत गलती नजर आता है तो आप हमें दो स्टार दे सकते हैं . आपके review देने से मुझे एक प्रेरणा मिलती है और मैं अच्छे से अच्छे cg kahaniyanलिखने की कोशिश करूंगा.
उम्मीद है कि आप मुझे अच्छा जी भेज देंगे और एक अच्छा सा कमेंट जरूर करेंगे. हो सकता है इस chhattisgarhi mein kahani में थोड़े भाषा में अंतर आपको दिखाई दे सकता है जिसके कारण आपको पढ़ने में और ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ी भाषा शैली में लिखा गया है बहुत कम लोग ही समझ पाते हैं.