नाचा के आयोजन विवाह , मंडई , गणेश उत्सव में , जंवारा , दुर्गाउत्स्व , दसहरा और न जाने कितने पर्वो में इसका आयोजन किया जाता है ।
रंग कर्म छत्तीसगढ़ में रंग कर्म का उद्भव

Chhattisgarhi Nacha का इतिहास मौर्य कल में निर्मित रामगढ़ पहाड़ी के जोगिमाडा गुफा से प्रारम्भ होता है , जो इसा पूर्वी तीसरी सताब्दी के खोदी गई थी । गुफा तक पहुंचने के लिए भूमि की सतह से गुफा तक सीढिया निर्मित है जो पहले से छत को काट कर के बनाई गई है । ये सीढिया गुफा के दायी और बनती है , जो रंगमंच या नाट्यशाला तक जाकर के खुलती है ।
यह नाट्यशाला एशिया की सस्बे पुराणी नाट्यशाला है , जंहा सुतनुका तथा देवदंत रंगकर्म में लोगो को सिखाते थे ।
पर्व , उत्सव , लोकनृत्य , लोकगीत , लोककथाएं , व्रत कथाए यंहा आंकलन से माना जाता है की यंहा वर्षभर होते थे । इसी नाट्यशाला को ध्यान में रखते हुए भरत ने पहली सदी ईस्वी में नाट्यशाला की रचना की होगी । इसी कारण से हो सकता है की भरतमुनि के नाट्यशास्त्र पुरे विश्व के रंगमंच और रंगकर्म का पहला प्रामाणिक ग्रन्थ बना ।
इतनी मज़बूत और स्थैतिक और प्रतिष्ठित होने के बाद में कुछ समय बाद में विघटन की और चला गया ।18 वी सतबादी में मराठो के आने के बाद में फिर फला फुला और इस युग हो युगांतकारी युग के रूप में जाना जाता है ।
20 वी सताब्दी के अंतिम 3-4 दशक में फिर से रंगमच फला फुला और इसका श्रेय “हबीब तनवीर” के नए थियेटर के रूप में Chhattisgarh में रंगकर्म को नया रूप दिया । इन्ही के कारण से Chhattisgarhi Nacha party को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति मिली । हसबब तनवीर 1943-1944 तक भारतीय नाट्यसंघ से जुड़े थे । उन्होंने Chhattisgarhi कलाकारों को लेकर के मृच्छकटिकम नेटल की Chhattisgarhi अभिनव बिना किसी साज धज के प्रस्तुत किया ।तब से लेकर के आज तक पुरे छत्तीशगर में नाट्य रंगमच चलता आ रहा है ।
छत्तीसगढ़ में प्रचलित नाट्य मंच
1. नाचा (Chhattisgarhi Nacha)
नाचा एक Chhattisgarhi बोली है जिसमे Chhattisgarhi बोली के साथ में नाटक दिखया जाता है । इन नाटक में सामाजिक कुरीतियों , समाज में व्याप्त कुरीतियों , समाज में व्याप्त विसमताओं , राजनैतिक घटलो और ढोंग आडम्बर में तीखी प्रहार किया जाता है । नाचा में जोकर की अहम् भूमिका होती है । ये कलाकार अपने हाथो का व् चेहरे का अधिक प्रयोग करते है । नाचा में किसी भी विशेष प्रकार की तयारी की आवश्य्कता नहीं होती है ।
मंच साधारण होता है पोशाक भी साधारण होता है । चेहरे को सजाने के लिए खड़िया , गेरू , हरताल जैसे वस्तुओ से की जाती है और आजकल तो कई कॉस्मेटिक मेकउप के सामान आ गे जिससे भी प्रयोग में लाया जाता है .
Chhattisgarhi Nacha में जीवन के किसी भी मार्मिक घटना को गीतों और संवादों के माद्यम से दिखाया जाता है ।
इसमें ग्रामीण वाद्य यंत्र के आलावा , मोहरी , डफरा , डमरू , नीसाण , मंजीर के आलावा आज कल तो तबला , ढोलक , आर्केट्रा , ऑक्टोपेड , बेंजो , हारमोनियम , बासुरी , टिकरी , तरकाल , तरसाक और न जाने कई सरे वाद्य यंत्रो के साथ में Chhattisgarhi Nacha को किया जाता है । जिसकी धुन को आप वंही झूम उठेंगे इतने सलरलता के साथ में मज़ेदार आवाज़ों के साथ में बजाया जाता है ।
Chhattisgarh का नाचा अन्तर्जातीय लोक नृत्य है . जो पुरे Chhattisgarh में पाया जाता है । छोटे-छोटे गांव में नाचा के कलाकार और कला मंडलीय मिल सकती है . आज का नाचा छत्तीसगढ़ के पहचान बन गई है ,
Chhattisgarhi Nacha में मज़ाक , प्रहसन , उलाहना देने की प्रथा बर्षो से चली आ रही है । और Chhattisgarhi Nach की अलग पहचान बन गई है क्योंकि नाचा के कलाकार नाचा के विशिष्ट Chhattisgarhi लोक शैली अपने अंचल की सीमाओं को लाँघ कर प्रदेश , देख और अंतररास्ट्रीय मंचो तक के पहुंच गई है ।
यह Chhattisgarh में दुर्ग , राजनांदगाव , में सबसे ज्याद प्रचलित है । नाचा का मंच किसी भी स्थान पर बनाया जा सकता है । जंहा परी वादकों के सामने नृत्य गाते हुए नृत्य करती है और बिच बिच में जोकर लोगो को हँसाने का काम करते है ।
Chhattisgarh के नाचा मालवा के माच , बंगाल के जात्रा , राजिस्थान के ख्याल , महाराष्ट्र के तमाशा , उत्तर भारत के नौटंकी के सामान है । नाचा का प्राचीन नाम पेखन है और पेखन का अर्थ होता है देखना से बना है । और नाच पेखन का अर्थहोता है नृत्यनाट .
Chhattisgarhi Nach पार्टी लिस्ट Chhattisgarhi Nacha
1 . माया के अचरा
माया के अचरा नाचा पार्टी के ग्राम लखनपुर के लोहारा के पास में जिला कबीर धाम छत्तीसगढ़
पार्टी के नाम – माया के अचारा
ग्राम – लखनपुर ,कामनबोड़ सा – लोहारा , जिला कबीरधाम , छतीशगढ
2 .जय छत्तीसगढ़ महतारी
जय छत्तीसगढ़ महतारी छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी कुम्हारी जिला – चम्पारण
पार्टी का नाम – जय छत्तीसगढ़ महतारी
ग्राम कुम्हारी , जिला-चम्पारण , छत्तीसगढ़
3 . भूईंया के सिंगार ग्राम
छत्तीसगढ़ी लोक कला नाचा पार्टी भूईंया के सिंगार ग्राम-होच्चेटोला के पोस्ट मंगचुवा, जिला के बालोद, छत्तीसगढ़
मैनेजर – भीखम यादव, अध्यक्ष – कोमल साहू, संचालक – मेघनाथ,
पता – ग्राम – होचेटोला , पोस्ट मंगचुवा , जिला – बालोद , (छत्तीसगढ़)
4 . मामा भांचा नाचा पार्टी
मामा भांचा नाचा पार्टी छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी ग्राम खोकसा बसना के जिला महासमुंद छत्तीसगढ़
पता – ग्राम खोकसा बसना , जिला महासमुंद , (छत्तीसगढ़)
5 . तुलसी कीर्तन नाच पार्टी
छत्तीसगढ़ी लोक नाच पार्टी तुलसी कीर्तन नाच पार्टी बंजारी-थूहा (कुरूद) जिला-धमतरी,छत्तीसगढ़
पता – ग्राम -बंजारी-थूहा (कुरूद) , जिला-धमतरी, (छत्तीसगढ़)
निर्माता-निर्देशक – रोहित कुमार कुर्रे, थूहा
6 . सपना के संगवारी
छत्तीसगढ़ नचा लोक नाच पार्टी सपना के संगवारी पीपरटोला छोटे तहसील लोहरा , जिला कबीरधाम ,छत्तीसगढ़।
पता – ग्राम – छोटे पीपरटोला , तहसील -लोहरा , जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
7 . गवई के हिरा
छत्तीसगढ़ी नाचा लोक पार्टी गवई के हिरा जेवरा बसना छत्तीसगढ़
पता – जेवरा बसना , जिला महासमुंद (छत्तीसगढ़ )
8 . जय महावीर सुवा
छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी जय महावीर सुवा नित्य पार्टी ग्राम-जोबा , अरंड , जिला – महासमुंद छत्तीसगढ़ का है ।
पता – ग्राम – ग्राम-जोबा , अरंड , जिला-महासमुंद (छत्तीसगढ़)
9 भुईयां के सिंगार
छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच भुईयां के सिंगार होच्चेटोला गांव के बालोद , छत्तीसगढ़
पता – ग्राम-होच्चेटोला , पो.-मंगचुवा , जिला-बालोद ( छ.ग. ). प्रोग्राम के लिए सम्पर्क करे –
अध्यक्ष – कोमल साहू संचालक – मेघनाथ देवदास मैनेजर – भीखम यादव , सचिव – प्रवीन साहू
10 . जय माँ दुर्गा
छत्तीसगढ़ी नाचा गम्मत पार्टी जय माँ दुर्गा साराबोंग नवापारा उड़ीसा
पता – ग्राम-साराबोंग , जिला-नवापारा , (उड़ीसा)
11 .ज्ञान के पुजा
नाचा पार्टी छत्तीसगढ़ी लोक संगीत नाच पार्टी ज्ञान के पुजा मुरमाडी महाराष्ट्र का है ।
ग्राम-मुरमाडी , जिल्हा- गोंदिया (महाराष्ट्र) छुरिया से 30 किलोमीटर दूर
12 . रंग धारा नाच पार्टी
छत्तीसगढ़ी लोक नाच पार्टी रंग धारा ग्राम – ओनवा , खेली विकासखंड – छुरा , जिला-गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
पता -ग्राम – ओनवा , खेली विकासखंड – छुरा , जिला-गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
13 . शिव-भोला छ.ग. नाचा पार्टी
छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी शिव-भोला करमतरा(जालबांधा)
पता -ग्राम – करमतरा(जालबांधा) विकासखंड -खैरागढ़ , जिला -राजनदगॉव (छत्तीसगढ़)
14 . छत्तिसगरी लोक सांस्कृतिक नाचा पार्टी -घीना
पता – ग्राम -घीना , अर्जुन्दा , जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
15 .जय माँ शेरावाली छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी मौलीभांठा उड़ीसा
पार्टी के नाम – मोर गांव के भुइहा
17 .जय माँ बम्लेश्वरी छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
पता – ग्राम -गांजर,टेढीनारा , जिला-महासमुंद (छत्तीसगढ़)
18 . छत्तीसगढ़ी मुस्कुराते नाचा पार्टी
पता – ग्राम-धामनतोरी , नरतोरा , जिला -महासमुंद , (छत्तीसगढ़)
19 . माटी के सेंदूर छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
ग्राम-बूटाकसा / होच्चेटोला , पोस्ट – दनगढ़ , जिला-राजनादगाव , (छत्तीसगढ़) ।
20 . जय भोले नाच पार्टी
ग्राम -कामनबोड , कोयलारी , तहसील -सहसपुर , लोहारा , जिला – कबीरधाम , (छ. ग.)
21 . भूपेश प्रकाश छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
ग्राम – साल्हेटोला, (चारामा), जिला – कांकेर, छत्तीसगढ़
नोट – चारामा से साल्हेटोला पश्चिम दिशा में 6 किलोमीटर पर स्थित है।
22 .महके मोंगरा नाचा पार्टी
पता -खुंदनी , जिला-बालोद , (छत्तीसगढ़)
23 . तुलसी कीर्तन नाच पार्टी
ग्राम -बंजारी-थूहा (कुरूद) , जिला-धमतरी , (छत्तीसगढ़)
24 . महतारी के मया लोक संस्कृति नाचा पार्टी
ग्राम-चिखली राजनांदगाव , राजनांदगाव चिखली , जिला – राजनांदगाव (छत्तीसगढ़ )
24 .खोड़वा कुबरा नाचा पार्टी
ग्राम – सुवरबोड़ , जिला-बालोद , (छत्तीसगढ़)
25 . गोपाल बलराम छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम-निपानी , जिला-बालोद , (छत्तीसगढ़)
26 . अमर ज्योति छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम- कुल्हारधो , जिला राजनांदगांव , (छत्तीसगढ़)
27 . जय गंगा मैया छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम-कुही खुर्द , तहशील- छुरिया , जिला-राजनांदगाव , (छत्तीसगढ़)
28 . राधा कृष्णा नाच पार्टी दुर्रे बंजारी
ग्राम-दुर्रे बंजारी , पोस्ट-कल्लू बंजारी , छुरिया , जिला – राजनांदगांव ,(छत्तीसगढ़)
29 . चंपा बसन नाच पार्टी
ग्राम-भकुर्रा , तह-छुरिया , जिला-राजनादगाव , (छत्तीसगढ़)
30 . मोर मयारू बेटा नाचा पार्टी
ग्राम पोस्ट -भाठागांव (बी) जिला-बालोद (छत्तीसगढ़ )
31 .मोर संगवारी नाचा पार्टी
दर्री पारा जिला गरियाबंद , (छत्तीसगढ़)
32 .गुरू कृपा नाचा पार्टी
ग्राम-मोहंदी ( जालबांधा ) , जिला राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
33 . छत्तीसगढ़ी मन मोहना नाच पार्टी
ग्राम-इन्दामरा जिला राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
34 . छतीसगढी लोक कला नाचा पार्टी
ग्राम-ब्राम्हण भेड़ी , जिला-राजनादगाव , (छत्तीसगढ़)
35 .सत्यम नाचा पार्टी – तेंदुआ – रायपुर
36 . छ. ग. नाचा पार्टी चंदा के अंजोर
ग्राम-भोथिडीह (चम्पारण) , जिला-रायपुर , (छत्तीसगढ़)
37 .ममहावत हे सुम्मत के फुल छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
पता -कंचनपुर, जिल्हा – मुंगेली , (छत्तीसगढ़)
38 .मयारू मितान छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम बाघमार
40 . कचरा के फुल नाचा पार्टी
ग्राम – हरिनछपरा जिला-कवर्धा , (छत्तीसगढ़)
41 .छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी दशमत के फूल
ग्राम – रस्के, बबई , जिला-कबीरधाम छत्तीसगढ़
42 .प्रेम सुमन नाच पार्टी
ग्राम-बेदांडि जिला राजनांदगांव , (छत्तीसगढ़)
43 . महतारी के आंसू छत्तीशगढ़ी नाचा पार्टी
ग्राम.-संसारगढ़ (हरेखापायली ) ( अम्बागढ़ चौकी ) जिला राजनांदगाव, (छत्तीसगढ़)
44 . महके मोंगरा नाच पार्टी
ग्राम-खुदनी , जिला-बालोद , (छत्तीसगढ़)
45 .जय मां भवानी छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
सिलतरा, जिला-दुर्ग , (छत्तीसगढ़)
46 . भुइया के गोठ नाचा पार्टी
आरंग – रायपुर (छत्तीसगढ़)
47 . जय भारत माता छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम -रनचिरई , तह -गुंडरदेही , जिला-बालोद , (छत्तीसगढ़)
48 . तुलसी के अंगना नाचा पार्टी
नरतोरी बागबाहरा (छत्तीसगढ़)
49 .जय शीतला छत्तीसगढ़ी नाचा पार्टी
ग्राम-भानपुरी , जि.-धमतरी , (छत्तीसगढ़)
50 .छ.ग. चोर करणदानी नाचा पार्टी
ग्राम-तिलईरवार , राजनांदगॉव , (छत्तीसगढ़)
51 . शीत-बसंत छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम-करमतरा (जालबांधा) जिला-राजनांदगांव , (छत्तीसगढ़)
52 .जय माँ चण्डी नाचा पार्टी
बिरकोनी-गोपालपुर , जिला-महासमुंद (छत्तीसगढ़)
53 .माटी के मितान नाचा पार्टी ,
मांठ केशला – रायपुर (छत्तीसगढ़)
54 .जय माँ दुलवरिन दाई छ.ग. लोक कला नाचा गम्मत पार्टी
बरही सांकरा (बालोद) , (छत्तीसगढ़)
55 .जय माँ शारदा छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी
ग्राम-कोसमी , साल्हेभाठा, जिला – महासमुंद (छ.ग.)
2 .रहस (Chhattisgarhi Nacha)
रहस Chhattisgarhi रास लीला . रहस कृष्ण से सम्बंधित लोक नाट्य है । रहस का मतलब है संगीत नृत्य प्रधान है जिसमे श्री कृष्ण जी के लीला के बारे में बताया जाता है । रहस में कंस जन्म , कंस का अत्याचार , देवकी विवाह , देवकी पर कंश का आक्रमण , कृष्णा का गोकुल पहुंचना , पूतना मरण , कृष्ण का नामकरण , अन्नप्रासन , सखियों को श्री कृष्णा को गाली , बकासुर वध , यादहोसा विरह , चीरहरण , गोवर्धन लीला , रास लीला , महारास मांगले लीला , राधा विलाप , सुदामा माली लीला के जैसे कई अन्य प्रसंग को रहस के माद्यम से कृष्ण के जीवन के बारे बताया जाता है ।
रहस का आयोजन खम्ब गाड़ने से होता है । रहस के मंच को बेडा कहा जाता है । रहस 9 दिनों से लेकर के 11 दिनों तक रत के 9 से सुबह के 6 बजे तक के होता है ।
रहस में मुख्य पात्र रसधारी होता है जो कथा सुनाता है , उसकी व्याख्या करता है और बीच-बीच में संगीत को गाया जाता है । उसके साथ में उसकी मण्डली उसका साथ देते है ।
रहस Chhattisgarh में बिलासपुर संभाग के बिलासपुर में , रतनपुर में , मुंगेली में , जांजगीर चापा में , और बिलासपुर , बिल्हा में ज्यादा इसका आयोजन किया जाता है ।
इसमें बृज शब्द और संस्कृत के शब्दो को पढ़ा जाता है उसके बाद में उसका व्याख्या कर के लोगो को सुनाया जाता है ।
3 . दहीकंदो (Nhhattisgarhi Nacha)
Chhattisgarh के मैदानी क्षेत्र में कृष्ण जन्म में दहीकंदो का नटन करते है । दाहिकडो कर्मा अउ रास का मिला जुला रूप है । इसमें कृष्ण के मूर्ति को कदम्ब के पेड़ के निचे या कदम के पेड़ न होने पर किसी भी पेड़ के निचे में कृष्ण के मूर्ति को रखकर के चारो तरफ से कृष्ण का लीला करते है ।
4 . माओपाटो (Chhattisgarhi Nacha)
माओपाटो Chhattisgarh के मुरिया जनजाति के लोगो का शिकार नृत्य है । जंहा माओ का अर्थ है – “सांबर” और पाटा का अर्थ है “गीत” . इसमें चेहरे में काजल और मिटटी और राख का प्रयोग मेकअप में किया जाता है । इस नृत्य में कथा में सांभर या भैस का शिकार को पाकर के सभी नाचते गाते है । सांभर या भैस को घेर कर के शिकार करते है । इसी बिच में एक शिकारी घायल होकर के बेहोश हो जाता है । उसे सिरहा मंत्रोउच्चारण करता हुआ झाड़ने का अभिनय करता है । बेहोश शिकारी होश में आता है फिर सांभर या भैस का शिकार कर लिया जाता है । सभी शिकारी नाचते है ।
5 . खंब स्वाग – (Chhattisgarhi Nacha)
आदिम समूहों में कोरकुआ का महत्वपूर्ण स्थान है । कोरकुआ में समूची रंगचेतना तेन परम्परा से मिलती है । पहला-झेरी , दूसरा-पारडी , तीसरा-खम्ब स्वाँग ।
खम्ब स्वाँग का सीधा अर्थ है खम्ब के आसपास किया जाने वाला प्रहसन है । प्रत्येक कोरकू गांव के बिच में मेघनाथ खम्ब होताहै । जंहा मैखनाथ खम्ब नहीं होता है वंहा अस्थाई खम्ब गाड़कर मेघनाथ की स्थापना की जाती है ।
कवार माह में नवरात्री से दीपावली के बाद देव प्रबोधनी को इसी खम्भ के आसपास कोरकू हर रात को ने ने स्वगं में करते है ।
यह प्रातः रावण के बेटे मेघनाथ ने कोरकुवो को बचाया था तब से ये प्रचलन चलता आ रहा है । यह एक रात तक चलता है और अंत में नारियल गुड़ का प्रसाद दिया जाता सम्पति में ।
6 . भतरानात (Chhattisgarhi Nacha)
भतरानाट का आयोजन बस्तर के क्षेत्र में किया जाता है । ये उड़ीसा से आया है तो इसे “उड़िया नाट” भी कहाँ जाता है । भतरानाट में प्रमुख नाट गुरु होता है । उसी के समक्ष नाट का प्रदर्सन किया जाता है । इस नाट की भाषा भतरी होती है ।
भतरीनाट में अभिमन्यु वध , जरासंध वध , कीचक वध , हिरणकश्यप वध , दुर्योधन वध , रावण वध , लक्समी पुराण , मेघालय शक्ति , रुख्मणि हरण , लंका दहन , एवं कंस वध आदि के बारे नाट करके दिखाया जाता है । इनमे नाटक युद्ध के माद्यम से दिखाया जाता है ।
इस नाट का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन तो नहीं है , लेकिन इसके माद्यम से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया जाता है । इसमें सभी पुरुष रंगकर्मी का कार्य करते है । इसकी वेशभूषा कीमती है । वस्त्र रेशम , मखमल आदि के बने होते है और इन मोतियों और रेशम आदि से काम किया जाता है ।
खूब मैदान में चारो और खुला मंच तैयार किया जाता है । उस पर चंदोवा लगाया जाता है ।
वाद्य यंत्रो में मृदंग , हारमोनियम , नगाड़ा , मंजरी , मोहरी का उपयोग किया जाता यही । नाट में मुखौट का भी उपयोग किया जाता है । गणेश , जामवंत , हनुमान , तड़का , नर्सिंग , बलि , सुग्रीव आदि के मुखौटे उपयोग में लाये जाते है ।
भतरानाट नृत्य प्रधान होता है । इसके कलाकारों को नाटकुरिया कहा जाता है । इस नाटक मण्डली में 20 से 41 तक के कलाकार होते है । यह नट को खुली जगह में क्या जाता है । साथ ही इस नाट्य को ग्रीष्म ऋतू में आयोजन किया जाता है ।