कैसे बना एक एवरेज स्टूटेंड UPSC टॉपर ? || IAS ki motivational story in hindi

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ये सक्सेस स्टोरी है वैभव छाबड़ा की है जो एवरेज स्टूडेंट थे जिन्होंने कभी मेहनत के बाद में कई बार फेल होकर के UPSC टॉप करता है उसी की स्ट्रगल से सफलता तक की स्टोरी को आज बताने वाले है तो आइये जानते है :-

वैभव छाबड़ा IAS ki motivational story in hindi

2008 तक तो है स्कूल की पढ़ाई समाप्त करने के बाद में आगे की पढ़ाई 2009 में  बी टेक में इंजीनिरयिंग की पढ़ाई शुरू की । उस समय बहुत ही ज्यादा अपने आपको सेल्फ मोटिवेटेड होते थे । जो सपने देखा करते थे की वह टॉप कर लेगा , सभी कॉम्पिटिशन में सबसे आगे रहेगा । लेकिन किसी गलती के वजह से फर्स्ट सेकंड सेमेस्टर के रिज़ल्ट बहुत कम आने लगे थे ।

इस समय इंजीनरिंग के पढ़ाई के करते समय जब एग्जाम होते थे तभी पढ़ाई शुरू करते थे और पढ़ाई करने बैठते थे तो उस समय आपको नींद बहुत ज्यादा आने लगते थे । ऐसे तैसे करके थोड़े बहुत ही पढ़ाई कर लेते थे । जैसे तैसे करके 2013 में 56% मार्क्स के साथ में बी टेक को पूरा किया ।

IAS ki motivational story in hindi
IAS ki motivational story in hindi

इसके बाद में एक कोचिंग संस्थान में फिजिक्स सब्जेक्ट में बच्चो को कोचिंग देते रहे । इस कोचिंग संसथान में लगातार 2 (2013-2015) सालो तक कोचिंग इंस्टिट्यूट में जॉब की आपके घर से 15 से 20 मिनट के दुरी में थी ।

आप कई इंटरव्यू में बताते है की आपने इस कोचिंग सेंटर में जॉब करते समय आपके मन में कई बार सोचा करते थे इससे कुछ नया करने , इससे आगे बढ़ने की और ज्यादा मेहनत करके और ज्यादा तरक्की करने की सोचते रहते थे । ऐसे अपने सोच आगे बढ़ाते हुए, अपने आप को मोटीवेट करके , इरादे को पक्के करके , करियर को आगे बढ़ाने के लिए कोचिंग सेंटर में जॉब को छोड़ देते है ।

UPSC की तैयारी कैसे की –

आगे आप बताते है इस जॉब को छोड़ने के बाद में ( 2015 में ही ) IES UPSC की तैयारी शुरू करने की सोचते है । इस बीच में जॉब को छोड़ने के बाद में लोगो ने कई बार नेगेटिव सोच के साथ बात करते रहे और डिमोटिवेट करते रहे । लेकिन घर , परिवार वालो के हमेशा मोटिवेशन , दोस्तों के मोटिवेशन के बाद में IES UPSC की तैयारी शुरू करते है । ऐसे करते करते नेगेटिव लोगो के साथ दुरी बना के तैयारी शुरू करते है ।

आगे तैयारी करने के लिए जो आईएएस बन चुके है , अपने दोस्तों से , टीचर से उनके अनुभव,  जानकारी लेकर के , सलाह लेकर के एक कोचिंग में शुरू में कोचिंग लेने लग गए ।

और पुरे प्लान के साथ 1 साल तक लगातार मेहनत करके आने वाले अगले साल में इंजीनियरिंग UPS में एग्जाम देने की प्लान बनाते है । 6 माह तक कोचिंग उसके बाद 6 माह तक सेल्फ स्टडी करने शुरुआत की थी । आगे आप बताते है की कॉलेज के दौरान तो दिन में केवल आधा घटा तक पढ़ाई कर पाते थे तो आपके लिए बहुत ही  ज्यादा मुश्किल थे इंजीनियरिंग UPSC की तैयारी 10- 12 घंटे तक के पढ़ाई करना ।

struggle भरे दिन 

तो इसके लिए दिन में छोटे छोटे टास्क बनाकर कम समय में आधा घंटा पढ़ाई फिर ब्रेक ,उसके बाद फिर पढ़ाई और ब्रेक ऐसे करते-करते अपने पढ़ाई की कमजोरी को ठीक करते है और लगातर ऐसे करते हुए 10-12 घंटे तक की पढ़ाई शुरू कर दिए थे । पहले सबसे सरल सब्जेक्ट के साथ शुरू करके आगे बड़े उसके बाद में उसके थोड़े कठिन , उसके बाद में उससे थोड़े कठिन करते-करते पुस्तकों के साथ इंट्रेस्ट बढ़ने के बाद में मोठे और हार्डवर्किंग वाले किताबो को पड़ना शुरू किए ।

उस समय पढ़ाई में कंसन्ट्रेशन बहुत कम थे कंसन्ट्रेशन करने के लिए लाइबेरी में जाकर के 10-12 घंटे लगातार पढ़ाई करने लगे । ऐसे करते करते बहुत लगन के साथ में , सिद्दत के साथ में पढ़ाई करने लगे थे । जब एग्जाम आने लगे थे तब 4-5 माह पहले ही मोबाइल से सारे सोशल मिडिया से दुरी बनाये रखते थे । इस बीच में कई बार डिमोटिवेट होते गए , फिर दोस्तों घर वालो के पुरे सहयोग के बाद में अपने आप को हमेशा मोटीवेट करते रहे जो कभी आपको डिमोटिवेट होने नहीं दिए ।

मई 2017 में बीमारी के कारण से लगातार 8-10 महीने तक बेड में रहकर के पढ़ाई की । 2017 में ही UPSC प्री एग्जाम में सफल है हो गए लेकिन मेंस में किसी कारण से मेंस में रह गये ।


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जैसे की हर UPSC की तैयारी करने वालो के साथ में होता है । इस घटना के बाद से पूरी तरीके से टूटने के बाद में , ये निर्णय ले लिया थे की ये मेरे बस की बात नहीं है मै इसमें सफल नहीं हो सकता , काफी ज्यादा डिमोटिवेट होने के बाद में घर के लोगो , परिवार के लोगो और दोस्तों के काफी समझने के बाद में फिर से UPSC की तैयारी शुरू कर दी । इस बार पुरे लगन के साथ में , पुरे सिद्दत के साथ में दोबारा शुरू कर दिए थे ।

इसे के साथ में 2016 में GET के एग्जाम दिलाने शुरू किये जिसमे GET में ऑल इंडिया रैंक 2016 गेट 39 रैंक में रहे ।

B.TECH में मार्क्स कम थे तो कही भी जॉब के योग्य नहीं माने जाते थे लेकिन इसको पूरा करने के लिए 2017 में ही दूसरी बार GET के एग्जाम के में आल इंडिया रैंक 17 स्थान में रहे । इसी साल 2017 में ही BSNL ने अपनी वेकन्सी निकली जिसमे एग्जाम देने के बाद में जॉब  (जूनियर टेलीकॉम ऑफिसर)ज्वाइन करते है ।

फिर तीसरी बार में 2018 में GET के एग्जाम में आल इंडिया रैंक 2018 15 वी रैंक में रहे ।

इस बीच में अपने आईएएस बनने के सपने को कम होने नहीं दिए । JOB करते-करते UPSC की तैयारी को करते रहे । JOB की ट्रेनिंग में भी जॉब की पुस्तकों को कम पढ़ाई करके ज्यादा ध्यान अपने सपने पर UPSC के पुस्तकों ज्यादा पढ़ाई करते थे ।

सुबह टाइम कैसे भी करके पढ़ाई करते रहे , नोट को मोबाइल में स्कैन करके , ट्रेवलिंग करते समय , दोपहर के खाने के समय भी , कैसे भी करके जॉब के साथ समय निकल करके पढ़ाई करते रहे । घर में शाम से लेकर के रत के 6-7 घंटे तक पढ़ाई घर में करते रहे , तैयारी करते रहे । इसके बाद के इस समय को बढ़ाकर के 8-9 घंटे घर में लगातार पढ़ाई , इंजीनियरिंग UPSC की तैयारी करते रहे ।

सफलता 

और लगातार 3 साल (2015-2016-2017) के मेहनत के बाद में इंजीनियरिंग UPSC 2018 के प्री , मेंस के एग्जाम और इंटरव्यू के एग्जाम को क्लियर करने के बाद में 9 वंबर 2018 के रिजल्ट आया तो उस रिजल्ट में आल इंडिया में 32 वे रैंक में रहे । आज Vaibhav chhabra  IAS अफसर इन इलेक्टॉनिक्स & टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (IES/ESE)  है ।

इस प्रकार के दोस्तों एक एवरेज स्टूडेंट रहे Vaibhav chhabra आईएएस अफसर बनने की सपना को साकार किया । 

दोस्तों ये छोटी सी स्टोरी IAS Officer Motivational Story In Hindi आपको जरूर पसंद में आया होगा और यदि पसंद में आया होगा तो आप IAS Officer Motivational Story In Hindi स्टोरी को अपने दोस्तों के पास में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में शेयर जरूर कर दीजियेगा ।


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