IAS Officer Motivational Story In Hindi || IAS Motivational Story

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छोटे से शहर से आईएएस बनने वाले की स्टोरी । IAS Officer Motivational Story In Hindi

ये Success Story उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर मेरठ के रहने वाले निशांत जैन की है । जो कभी इंग्लिश में परीक्षा देने के लिए डरते थे जो आज UPSC CSE 2016  13th rank in the IAS एग्जामिनेशन को क्लियर किया ।

]परिचय 

निशांत जैन मूलतः उत्तरप्रदेश के मेरठ के रहने वाले है और एक माध्यम वर्गीय परिवार से थे । निशांत जैन बचपन से ही पढाई में अच्छे थे । बचपन से ही हिंदी में मीडियम स्कूल में पढाई किया ।

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और आप सभी को पता होगा की एक मिडिल क्लास परिवार की स्थिति कैसी होती है . ठीक वैसे ही स्थिति थी इनके भी .

IAS बनने का सपना कैसे जगा 

निशांत जैन जब 8 वी में थे तब वे कभी कभी घर के राशन दुकान से राशन लेन के लिए जाते थे तो उस समय राशन दुकान में बहुत ज्यादा गड़बड़ी होती थी , कभी कभी राशन दुकान लेट खुलते तो, कभी – कभी राशन कम तौल कर के देते थे । राशन कार्ड के पीछे में लिखे शब्द खाद्य एवं रसद अधिकारी शब्द को देखता और सोचा करते थे की इस अधिकारी ही इन सभी को बंद करा सकते है करके । इसके बाद से ही मन में ये अधिकारी बनने की सपना उभरने लगा ।

IAS Officer Motivational Story In Hindi
IAS Officer Motivational Story In Hindi

10 वी की परीक्षा हिंदी मीडियम से पास किया उसके बाद अपने करियर के प्रति काफी चिंतित थे , कैसे मै अपने करियर को चुनूंगा , कैसे , कौन सा पढाई करूँगा और न जाने क्या क्या उस समय मन में ख्याल आते थे । 10 वी के बाद से ही अपने खर्चे कैसे उठाया जाय और पैसे के साथ ही पढाई किया जा सके ऐसा काम उम्र में ही सोचने लगे थे ।

स्कूल के साथ पार्ट टाइम जॉब  -[/su_heading]


नितिन जैन जी हमेशा अपने तीन दोस्तों के साथ रहते, पढाई -लिखाई घूमते, इधर-उधर जाया करते थे । उस समय एक न्यूज़ पेपर में एक पार्ट टाइम जॉब फ्रूफ रीडिंग की एडवर्डटाइस को देखा । उस समय ये नहीं पता था की फ्रूफ रीडिंग क्या है ? अपने दोस्तों के बताने के बाद वो अपने हिंदी भाषा में अच्छी पकड़ होने के कारण इंटरव्यू में छोटा सा टेस्ट में पास होकर जब स्टार्ट कर ली ये उस समय का एक पार्ट टाइम जॉब था । उस समय उसकी वेतन था 1 रुपया प्रति पेज था । इतना काम पैसे में जब को शुरुआत किया जो उस समय की बहुत ही ज्यादा रकम था ।


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अपने कई इंटरव्यू में बताते है की जब गर्मी के मौसम मै और जून के महीने में 1750 पन्नो की रीडिंग किया था और 1750 रुपया कमाए था । ये 1750 रुपया उस समय की सबसे बड़ी अमाउंट था स्कूलिंग के दौरान ही जॉब करने पुस्तक रीडिंग करने से उसकी हिंदी पहले से ज्यादा और अधिक मजबूत होने लगता है ।

इस पार्ट टाइम जॉब को करते-करते उन्होंने 11 वी , 12 वी तक की पढाई की । 12 वी के बाद आगे की पढाई के दिल्ली यूनिवर्सिटी जाकर पढाई करना चाहते थे । उत्तरप्रदेश मेरठ से दिल्ली 65 किलोमीटर दूर थे । संसाधन की की नोने के कारण वे दिल्ही नहीं जा पाते और मेरठ में रहकर , मेरठ कालेज से ही आगे की हिंदी मीडियम में पढाई की । मेरठ कालेज से ग्रेजुएशन पूरी की । इस बीच में कई निकलने वाले सरकारी फॉर्म भरा करते थे ।

पहली सरकारी नौकरी – 

ग्रेजुएशन के अंतिम साल में पोस्ट ऑफिस में एक कैर्री की सरकारी जॉब लग गई । ये नौकरी उस समय एक साधारण परिवार के लिए बहुत बड़ा था और इतना खुश हो जाते है , परिवार के सभी लोग खुश हो जाते है और वो पास्ट ऑफिस में जॉब करता है । जॉब को करते समय उसको पढाई के समय नहीं मिलता था ।

अपने सीनियर के सलाह देने के बाद और स्वम् सोचने के बाद पोस्ट ऑफिस जी जॉब को छोड़ दिया । ये उस समय की सबसे B.A और आगे की पढाई शुरू कर दिया । उसके बाद M.A किया । M.A करने के बाद UGC की  एग्जाम दिया उसके पहली ही बार में उसका सलेक्शन हो गया .


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अब आप सोचिये की एक बच्चा जो पार्ट टाइम जॉब 10 वी के साथ में करता आ रहा है तो से यदि UGC की परीक्षा को पास करने के बाद में उन्हें 20 हजार रूपये की फेलोशीप दिया गया और वही DU जो वह 12 वी करने के बाद में वह पढ़ने के लिए जाना चाहते थे उन्होंने DU के एड्मिसन के लिए अनट्रेस एग्जाम दिए उसमे भी उन्होंने उसे भी क्लियर की ।

वो जो वह 12 की के बाद में 65 किलोमीटर की दुरी में 12 वी के बाद में नहीं जा सका था वह M.A करने के बाद में M FIL करने के लिए वह DU गए । और वंहा से उन्होंने अपने ऍम फील की पढाई शुरू की ।

IAS की तैयारी- 

वह ऍम फील की पढाई के साथ में उनकी पहले की चाह थी की वह IAS अफसर बनाना चाहते थे उन्होंने ऍम फील के साथ में आईएएस की भी तयारी शुरू कर दी । और साल भर की पूरी तयारी के बाद में उन्होंने पहली बार आईएएस का एग्जाम दिया ।

दोस्तों आप सभी को पता होगा की यूपीएस की परीक्षा देने के लिए प्री एग्जाम , मेंस एग्जाम और इंटरव्यू होते है ठीक उसी तरह से उन्होंने जब पहली बार में प्री एग्जाम दिए थे तो उस एग्जाम में वह कुछ नंबर से चूक गए ।

दोस्तों वह पहली बार किसी बार एग्जाम में फेल हुआ था और सभी को पता होता है की जितना में मेहनत के बाद में जब फेल हो जाते है तो कितना बुरा लगता है । ठीक उनके साथ में यही हुआ और वह असफल होने के बाद में बहुत परेशान में था लेकिन उनके दोस्तों , परिजनों के समझने के बाद में तैयार हो गया ।

उन्होंने इक इंटरव्यू में बताया है की जब वह प्री में एग्जाम के पहले वह पार्लियामेंट में ट्रांसलेटर का एग्जाम दिया हुआ था जिसमे उनका सलेक्शन हुआ था तो उन्होंने जाकर के पार्लियामेंट में ट्रांस्लिटरी के जब को ज्वाइन करते गई । और वह पार्लियमनेट में ट्रांसलेटर बन गए ।

वह ट्रांसलेटर का जॉब करने लगे थे साथ ही साथ वह अपनी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दुबारा तैयार कर के हिम्मत जुटा कर के दूसरी बार यूपीएस का एग्जाम दिए । और इस बार दोस्तों उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बाद में उन्होंने प्री , मेंस और इंटरव्यू को क्लियर किये और फाइनली UPSC में वह 13 वी रैंक में रही पर हिंदी मीडियम में वह पहली रैंक में पास होने वाले अफसर थे ।

वो बताते है की अब तक उनके परिवार में किसी में हिंदी मीडियम में कोई एग्जाम नहीं दिया था ।

इस प्रकार दे दोस्तों एक छोटे से गांव से निकल कर के हिंदी मीडियम में UPSC IAS अफसर बनाने वाले IAS Officer Motivational Story In Hindi स्टोरी है ।


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