आज से सात पहले की बात है यानि की सन 2015 में Kalpana Saroj की कंपनी का टर्नओवर 700 करोड़ रूपये से अधिक है । तो आज हम लेकर के आ है Kalpana Saroj story के बारे में उनकी सक्सेस स्टोरी वे कैसे और किस प्रकार से मेहनत और अपने दम के बदले आज 700 करोड़ से अधिक की कंपनी की मालकिन है तो चलिए जानते है कल्पना सरोज की सक्सेस जर्नी को और उनकी Woman In India , leadership को :-
बचपन की स्थिति Kalpana Saroj story
Kalpana Saroj बतलाती है की उनके पिता जी पुलिस में हवलदार की नौकरी किया करते थे । उस समय उसकी पगार 300 रूपये थी जो उसके ज़माने में बहुत ही ज्यादा थी और एक मिडिल फ़ैमलीय के लिए अच्छा था ।
घर परिवार में 3 बहने और 2 भाइयो साथ में दादा जी और चाचा जी भी उन्ही 300 रूपये में ही अपन जीवन गुजारा करते थे । आप सोचे सकते है की ऐसे 300 में कैसे जिंगदी गुजरती रह होगी ।
वे इक इंटरव्यू में बतलाती है की वह पढाई करने में थोड़े अच्छे थे लेकिन उस ज़माने में स्त्रियों को ज्यादा पढ़ना मनाही था इस कारन से बहुत ही कम कक्षा तक उनके पिता जी ने उनकी पढाई को रुकवा दी वे सिर्फ 12 की उम्र तक ही पढाई की और वह 7 वी तक की ही बहुत काम शिक्षा ग्रहण की थी ।
और वे बतलाती है की उनके बहुत ही कम उम्र में तक़रीबन 12 साल की उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई । जंहा उनकी शादी कर दी गई थी वह घर परिवार ठीक नहीं था । जंहा आपको छोटी=छोटी बातो पर मार पिट , झगड़ा फसाद आदि किया करते थे । घर में 12 लगो का खाना बनाने के 12 साल की उंमर में कितनी मुश्किल हो जाती है एक 12 साल की बच्ची के लिए ।
वे आगे बतलाती है जब उनके पिता शादी के बाद बेटी को देखने के लिए घर आती है तो उन्हें पहचान नहीं पा रही इतना बुरा हालत हो गई थी । इसके बाद में उनके पिता जी के साथ में घर वापस आ गई ।
जब वह वह 12 साल के ही उम्र में मायके आ गई तब उनके पिता जी ने उन्हें सलाह दिया की इसे एक बुरा समझ के भूल जाने को कहा और फिर से नई जिंदगी जीने की सलाह दी । इसके बाद में उन्हें फिर पढाई करने के लिए स्कूल ने भेज दिया गया , लेकिन वे बतलाती है की जब शादी के पहले जो उमंग पढ़ने के जो उमंग थी वह अब नहीं रहे थे , आगे बढ़ने की , पढाई के प्रति भूख भी ख़त्म हो चुकी थी क्योंकि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में ही जिन्दी में दर्द को महशुश की थी ।
जिसके कारन से उन्हें स्कूल में मन ही करती थी उनकी । उस समय उन्हें समाज भी अलग बाते करते थे और उनकी सहेलिया भी उन्हें बारे में भी अलग तरह की बाते करते थे ।
वे आगे बतलाती है जब की जब हे लगा की जिंदगी ठीक नहीं चल रहा है तो चलो इस जिंदगी को ख़त्म करते है , क्योंकि उन्हें उस समय लग रहा था की जिंदगी जीना बहुत ही मुश्किल है जबकि मरना आसान है तो यह सोचकर के उस समय खटमल मरने की दवाई आते थे उन्हें उन्होंने 3 बोतल लेकर के पि ली थी ।
सारा झाग बार रहा था मुँह से क्योंकि 3 बोतल को एक साथ में पि ली थी । फिर आजु बाजु के लोग आ गए उन्होंने कहा की इन्होने जहर पि ली है लेकिन इसकी बचने की उम्मीद नहीं है लेकिन भगवन की मर्जी से उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए बचा लिया ।
Kalpana सरोज की एक नई जिंदगी की शुरआत

जब वह बच गई तो घर में देखने के लिए उन्हें उनके परिजन वाले आते थी तो उन्हें कहा करते थी की क्यों तूने ऐसा किया , लोग कहते की उनकी बेटी कुछ की होगी तभी जहर खाई है ।
दोस्तों कोई बात हमें अंदर तक , हमारे दिल तक चला जाता है ठीक Kalpana Saroj के साथ में भी यही हुआ । उनकी परिजन के बात उनके अंदर जा पहुंची और समाज को कुछ नए करने जिंदगी में आगे बढ़ने के साथ में उन्होंने 13 साल की उम्र में ही जिंदगी में बहुत कुछ सिख लिया और बहुत कम उम्र में जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए फिर से उठ खड़ी हुई । ये अपने आप में एक मिसाल है और एक बेटी को भी सलाम है जिन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपने आप को संभल लिया ।
इसके बाद में पुलिस में जाने की सोची , आर्मी में देश सेवा करने की सोची , नर्सिंग में आगे बढ़ने की सोची लेकिन सभी में उनकी पढाई में बाधक बन कर रह गई क्यों उस समय मात्र 13 साल के उम्र में 7 वी तक ही पढाई की थी । जिसके कारण से उनका सलेक्शन नहीं हो पाया था । वो कहते है न दोस्तों की जिंदगी में कुछ बड़ा करना है तो छोटे चीज कभी हाथ में नहीं आता और संघर्ष ही सफलता को मांगती है ।
इसके बाद में उन्होंने जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए और कुछ नया करने के लिए घर में माँ-बाप से बात की वह मुंबई जाएगी उसे कुछ नया करना क्योंकि वह गांव की रहने वाली है और गांव में कुछ भी काम नहीं है मात्र खेती के और उन्हें खेतो में काम नहीं करना है । ता वह जिद करके अपने माँ पिता को मना करके
मुंबई आ गई । मुंबई के दादर में अपने चाचा जी के यंहा आ गई । उन्हें चाचा जी दादर में ही पापड़ बेचने का काम करते थी । मुंबई में आ कर के कपडा कंपनी में जॉब करती है । वह जॉब सबसे पहले वह मशीन चलने के काम में लगी हुई थी लेकिन जॉब मशीन में काम करने के लिए बैठी तो उन्हें वह मशीन चली ही नहीं । फिर उन्हें कपड़ा मिल के मैनेजर ने उन्हें खूब चमकाया और उनके हेल्पर के रूप में मिल में सिल्क के धागा को काटने काम की
जिन्हे उन्हें बदले में एक दिन का 2 रुपया दिया जाता है और महीने का होता था 60 रूपये महीने में वे काम की है । जिंदगी में कुछ करने की चाहत हो तो हर चीज मुमकिन हो जाता है । जब सभी लोग फैक्ट्री से दोपहर के समय खाने के लिए जाते थी जब चुपके से जाकर के मशीन को चला कर के देखती थी और फिर धीरे धीरे वह सिलाई मशीन चलना शुरू करती है ।
इसके बाद में उन्हें सिलाई मशीन चलाने के लिए रखा गया जंहा उन्हें 225 रूपये पहली बार वेतन के रूप में दिया गया । वे बतलाती है वे पहली बार 100 रूपये को देखि इसके पहले तक वे 13 की उम्र 100 के नोट को नहीं देखि थी ।
इसके बाद में यह अपने माता पिता को मुंबई बुला लेती है और साथ में रहने लगती है ।
कुछ समय बात उनकी छोटी बहन को पेट में कैसंर का पता चला तो वह बहुत ही चिंतित हो गई और तब उन्हें महशुश हुआ की पाया कितना जरुरी है । अपने बहन की इलाज के लिए उन्होंने बैंक से 50 हजार रूपये कर्ज निकले और उन्ही पैसो से दादर में फर्नीचर की दुकान शुरू की जंहा से कुछ पैसे आने लगे ।
इसके बाद में उन्होंने दो लाख 50 हजार की एक प्लाट खरीदी जो बाद में वही प्लाट 50 लाख की मुनाफा किया इसके बाद में उसी जमीन में जमीन उनकी और बिल्डिंग किसी और के साथ में पार्टनरशिप करने के बाद में उन्होंने बिल्डिंग कड़ी इसके बाद में उन्हें 4 करोड़ रूपये की मुनाफा हुई ।
और आज के समय में उनके पास में खुद का 700 हजार करोड़ का बिज़नेस है जो आज वह खुद एक Woman In India , leadership के रूप में काम कर रहे है ।
दोस्तों जिंदगी में मुश्किल से जो हार मान जाते है वह जिंदगी में कुछ भी नहीं कर पते है और जिंदगी में संघर्षो के साथ में लड़ते है वह जिंदगी में आगे बढ़ जाते है । ठीक Kalpana Saroj के साथ भी यही हुआ वह मात्र 13 साल की उम्र ने नै जिंदगी की शुरुआत की और आज भारत की सफल Woman In India है .
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