BEST Mahua Ke Fayde | महुआ के फायदे | 20 फायदे

Rate this post

BEST Mahua Ke Fayde महुआ के फायदे की बात करें तो तो ग्रामीण क्षेत्रों में जो औषधियां बनाते हैं किसी बीमारी में उसमें भी महुआ का बहुत बड़ा योगदान है । महुआ महुआ के छाल से , महुआ  के बीज से , महुआ  फुल से तरह-तरह के औषधि बनाए जाते हैं . यह कहना गलत नहीं होगा कि एक भाग से किसी ना किसी औषधि रूप मैं काम आती है ।

महुआ का पेड़ कहां पाया जाता है ? 

महुआ का पेड़ छत्तीसगढ़ में, बिहार में , झारखंड में और मध्यप्रदेश में बहुत मात्रा में पाए जाते हैं । आदिवासियों के लिए वरदान कहा गया है क्योंकि आदिवासियों का जो रिश्ता होता है वह जंगलों जंगल से होता है । जंगल में अपना जीवन यापन करते हैं। क्षेत्र में रहते हैं पहाड़ी क्षेत्र में रहते हैं तो वह अपनों की पूर्ति के लिए बाहर नहीं जा सकते तो कुछ लोग यदि मामूली बीमारी जैसे अस्थमा , यानी छोटी मोटी कुछ भी प्रॉब्लम परेशानी हो जाती है तो वे अपने आदिवासी बैगा के माध्यम से और जड़ी बूटी के माध्यम से इलाज करते हैं।

महुआ का पेड़ 

महुआ का पेड़ घना होता है । जिसकी लंबाई 12 मीटर से लेकर के 20 मीटर तक की हो सकती है । इसका वैज्ञानिक नाम मधुका लोम्बिफोलिया ।

महुआ का के फूल में क्या-क्या पाया जाता है ? 

महुवा में कार्बोहाइड्रेट , फैट पाया जाता है , प्रोटीन पाया जाता यही . फास्फोरस , आयरन , केरोटीन और विटामिन स जैसे अन्य तत्व इसमें पाया जाता है । इस बात से आंकलन लगाया जा सकता है की इतने सारे पोषक तत्व अपने आप में रखता है तो इसका औसधि महत्व भी अपने आप में है ।

Mahua Ke Fayde – 20 फायदे

1 . महुवा की छाल की उपयोगिता 

महुवा की छाल की उपयोगिता बहुत अधिक मात्रा में बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है । क्रोनिक ब्रोंकाइटिस बीमारी में किया जाता है , रक्त को बंद करने के लिए , डाइबिटीस ( शुगर में ) में भी किया जाता है , गठिया में भी इसकी पत्तो का उपयोग किया जाता है  । महुवा की जड़ जी उपयोगिता – सूजन कम करने के लिए , दस्त और बुखार में इसका उपयोग  (Mahua Ke Fayde || महुआ के फायदे ) किया जाता है ।

2 . महुआ के फूल (mahua ke fayde)

महुवा के फुल हल्का पीला रंग का होता है । आकार में छोटा बेर के सामान होता है । जब इसका फूल महुवा के पेड़ से गिरता है उसके बाद में आदिवासी इसे एकत्रित करके सूखा लेते है । सूखने के बाद में इसे लम्बे समय तक स्टोर करके रख दिया जाता है । कहा जाता है की महुवा जितना ज्यादा पुराण होगा उतनी ही ज्यादा कीमती होता है ।

महुवा का अंग्रेजी नाम बटर नट tree होता है ।। बटर नट इसलिए होता है क्योंकि मख़्कन बनाए के लिए पहले से ही इसके बीजो का उपयोग किया जाता है ।  

3 . अनाज के रूप में – महुवाके बीज को सुखाकर के उसे पीसकर के रोटी बनाकर के का उपयोग करते है . महुआ के बीच में वसा की मात्रा ज्यादा होती है । आने वाले समय में महुआ के बीज से बायो फ्रूट बनाने की ट्रायल की गई है।

4 . सैनिटाइजर में – इसके कोरोना काल में सैनिटाइजर के निर्माण में महुआ का उपयोग किया गया था छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बहुत कम दाम में उपलब्ध कराया गया था ।

5 . शुगर की मात्रा – महुआ का फूल खाने में भी मीठा होता है खीर बनाने में , हलवा बनाने में, बर्फी बनाने में, पूड़ी आदि बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है । और सूखने के बाद में किसमिस के समान हो जाता है। इसके अलावा शराब बनाने में भी महुआ का उपयोग किया जाता है। पशुओं के चारे के रूप में भी महुआ का उपयोग (Mahua Ke Fayde || महुआ के फायदे ) किया जाता है ।

6 . महुवा के शराब बनाने की में 

महुवा को के फूल को सुखाकर के जब तक वह भूरे रंग का न हो जाए तब तक सुखाया जाता है । सूखने के बाद में उसे किसी बड़े पात्र में भिगोकर 2-3 दिन के लिए सड़ने के लिए रखा जाता है । सड़ने के बाद में उसे चूल्हे चढ़ाकर के गर्म किया जाता है । और उसके भाप को दूसरे बर्तन में एकत्रित किया जाता है । और बाद में जब ठंडा होते है तब उसे देसी महुवा दारू के रूप में पेय पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है ।

महुवा की शराब की उपयोग (Mahua Ke Fayde || महुआ के फायदे ) यदि अच्छी मात्रा में यदि किया जाए यानि ली लिमिट में किया जय तो सरीर के लिए लाभकारी होता है और यदि अधिक मात्रा में किया जाए तो यह शरीर को बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुंचाते है ।

7 . अल्सर के बीमारी में – कुछ अध्धयन से पता चला है की महुवा के फूल को खाने से अल्सर के बीमारी में भी फायदा होता है । इसका वैज्ञानिक कारन भी है  हमारे पेट में जो गैस्ट्रिक जूस बनता है वह एसिटिक प्रकृति का होता है । एसिटिक प्रकृति होने के कारन से है हमारे पेट की म्यूकस लाइन रगड़ने लगती है और रगड़ने के बाद में पेट में घाव हो जाती है और घाव बनना ही अल्सर कहलाता है ।

महुवे के फूल में एक गुण है की वह जो म्यूकस लाइन है उसे ठीक करते है और जो गैस्ट्रीज जूस को कंट्रोल करता है जिसके कारन से अल्सर में भी महुए का फूल का उपयोग किया जाता है ।

8 . दन्त संबधी रोगो – में महुवे की छाल का उपयोग (महुआ के फायदे) किया जाता है और यह लाभकारी भी है । महुवे के छाल के 4 ml रस को को 300 ml पानी में मिलकर के रखलेते है और प्रतिदिन इससे कुल्ला करने के हमारे दन्त स्वस्थ होते है , मसूड़े स्वस्थ होते है .

9 . साँस से संबधित बीमारी के लिए – महुवे के फूल से रस निकलता है उसे शाम के समय एक गिलास दूध के साथ में लेने से ऐसा कहा गया है की साँस से संबंधित बीमारी बहुत ही ज्यादा फायदा होता है  । यदि कोई भी सुजा आई हुई है गले में या फिर आपको साँस लेने में परेशानी हो रही बहुत ही ज्यादा म्यूकस का जमाव हो गया है तो महुवा का जो रस है वह म्यूकस को पतला करता है । जिससे बलगम के निकलने के ज्यादा असर हो जाता है

यह जो सूजन को काम करता है इसमें एंटी इंफ्लेमेंटरी प्रापर्टी पाई जाती है इसमें जिसके कारण से यह सूजन को काम करता है । और जैसे कोई सूजन के कारन से साँस लेने में तकलीफ हो रही है उससे राहत मिलता है ।

10 . महुवा का उपयोग मिर्गी में – मिर्गी एक सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम से सम्बंधित रोग है । और यह बहुत ही खतरनाक रोग है । पुरे सही तरीके से इसका उपयोग अभी तक समझ में नहीं आया है लेकिन जो आदिवासी लोग है वह आज भी मिर्गी की जो बीमारी होती है उसमे महुए का उपयोग करते है और इसके उपयोग से बहुत हद तक लाभकारी सिद्ध पाया गया है ।

बहुत सारे शोधो से पता चला है की महुवा के पट्टी से मेथेनाल युक कुछ पदार्थ पाया जाता है जो गामा यमुना बीटनिक एसिड उसके लेवल को बड़ा देता है । गामा एक न्यूरोट्रांसमिटर होता है और गामा की मात्रा सरीर में बढ़ने से मिर्गी आने के कम सम्भावना होता है । 

11 . त्वचा रोगो में – सौंदर्य प्रसाधन में जितने भी सामग्रियां होते है उसमे महुवा का उपयोग (mahua ke fayde)  किया जाता है. और इसमें त्वचा को चिकनी करने के गुण होते है । उसमे रफनेस होती है उसे स्मूथ करती है । 

12 . बुखार में – हमें बुखार क्यों आता है – जब हमारे सरीर में किसी भी प्रकार के वायरस , बैक्टीरिआ का इन्फेक्शन हो जाता है जिसके कारन से हमारे सरीर अपना तापमान बढ़ने लगता है और उस वाइरस या बक्टेरिया के खिलाफ लड़ रहा होता है । और जब लड़ रहा होता है हमारे शरीर से तो हमारा टेम्प्रेचर बढ़ जाता है और इसी लिए बुखार आती है । महुवे के छल के रस होता है यह ज्वररोधी होता है , दर्द निवारक होता है और सूजन रोधी होता है इसका मतलब बुखार को कम करेगा , दर्द को कम करेगा और सूजन को भी कम करेगा ।

बहुत हद तक इसे आदिवासी समुदाय के लोग इसे महुए की छाल के रस होता है उसका उपयोग करते है और ये उनके लिए कारगर भी सिद्ध होता है । ऐसी प्रकार से महुए के छाल से निकल हुआ अर्क होता है उसका उपयोग डाइबिटीज इससे कम होता है ऐसा सुनने को मिला है ।

13 . महुवे का उपयोग कृमि संक्रमण में – यह कृमि बच्चो के सरीर में बहुत ही ज्यादा होता है तो महुवे के छाल के अर्क में एंटी बैक्टीरियल या एंटीमाइक्रो प्रॉपर्टी होते है उसने होने वाले संक्रमण को भी कम करता है ।

BEST Mahua Ke Fayde || महुआ के फायदे
BEST Mahua Ke Fayde || महुआ के फायदे

14 . महुवा के फायदे लिवर में – आप सभी को पता है की लिवर हमारे सरीर का बहुत ही महत्वपपूर्ण भाग है यह खाना पचाने के काम के साथ यह साथ ही हमारे सरीर में विषाक्त पदार्थ को भी बाहर निकालने का भी काम करता है । तो लिवर में जब भी परेशानी हो जाती है तो लिवर सही तरीके से काम नहीं करता और कभी कभी लिवर में सूजन हो जाती है तब भी परेशानी हो जाती है । तो महुवा में एंटी इन्फ़्लुरामेन्ट्री प्रॉपर्टी पाई जाती है जिसके कारन से महुआ के फायदे (mahua ke fayde) लिवर के सूजन को कम करने में काफी कारगर साबित होता है ।

15 . हार्ट में परेशानी के लिए महुवा का उपयोग – जिसमे ह्रदय में पाय जाने वाले कोरोनरी से ब्लॉक हो जाता है । यह एक खतरनाक बीमारी है जिससे भारत में हार्ट अट्रैक से भारत में बहुत ही ज्यादा मृत्यु होती है । महुवे के बीज में मोनो सेचुरेटेड , पोली अनसेचुरेटेड फैट बहुत अधिक मात्र में पाया जाता है को कोरोनरी आर्टरी को साथ ही हमारे ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है । खासकर के महुवा के बीज में ओलिक  एसिड होता है जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है । साथ ही ह्रदय से संबंधित बीमारियों के लिए महुवा का बीज का तेल (महुआ का तेल के फायदे) खाना लाभकारी होता है ।

16 . खुजली में – इसके आलावा खुजली में भी महुवे के तेल (महुआ का तेल के फायदे) के इस्तेमाल से कम होता होता है । 

17 . इसके आलावा सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियां , फार्मेसी में दवाइया बनाए के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है , चॉकलेट उद्योग , घी उद्योग में भी महुआ के उपयोग किया जाता है । 

आपने देखा Mahua Ke Fayde  (महुआ के फायदे) के बारे में प्रकृति ने हमें महुवा को हमें वरदान के रूप में दिया है जिससे हर बीमारियों को ठीक किया जा सकता है जिसे आपने ऊपर में देखा है ।

Leave a Reply