NAINITAL MOMOS से लाखो कमाने वाले Ranjit Singh Ki Struggle Story  

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Ranjit Singh मोमोस के सबसे बड़े एक्सपेरिमेंट करने वाले व्यक्ति है जो कई परिस्थितियों से जूझकर के भारत के कई जगहों में NAINITAL MOMOS के कई सारे ब्रांच है जो लोगो को MOMOS को नया स्वाद दे रहे है । आज इसी के बारे में कैसे , किन परिस्थितियों , स्ट्रगल से गुजरकर के MOMOS को NAINITAL MOMOS बनाया तो आज हम इन्ही के success businessman story in hindi के बारे में कैसे उन्होंने इतनी बड़ी कंपनी खोली इसी के बारे में जानने वाले है  :-

Ranjit Singh की परिचय

Ranjit Singh
Ranjit Singh

Ranjit Shinh उत्तराखंड के रहे वाले है । घर परिवार में माता-पिता और छोटी बहन रहते थे । परिवार एक गरीब परिवार थे । पिता जी खेतो  में किसानी करते , मजदूरी करते थे जिससे ही पालन पोषण होते थे ।

सफर की शुरुआत :-

Ranjit Singh (real success story in hindi) ने सन 1997 में 10 की पढाई के बाद में घर परिवार की स्थिति को देखते हुए आपने छोटी बहन को पढ़ाने के लिए 10 के बाद आगे की पढाई को छोड़कर के करीब 17 साल की उम्र में लखनऊ शहर में अपने एक रिस्तेदार के साथ काम करने के लिए आये । लखनव शहर में बी बिलेन्द्र नगर में नौकरी की जंहा 400 रूपये महीने के नौकरी से शुरुआत की थी ।

400 की नौकरी तो करते थे लेकिन इनसे सिर्फ रूम किराये और पेट ही भरते थे घर फैमली के लिए बहुत कम पैसे बचते थे । खाली समय में अपने महानगर गेस्ट हाउस में सामान लेके चले जाते थे । यंहा ही छोटे मोठे कामो में हाथ बटाते थे ।

एक दिन की इसी गेस्ट हाउस में वंहा के वेटर नहीं थे तो वेटर के जगह में स्वं वेटर के काम किये । पहले तो नहीं पता था की क्या करना है , कैसे करना है , बताने के बाद में गेस्ट हाउस में 100 रपये के टीप दिए थे ।

NAINITAL MOMOS
NAINITAL MOMOS

इस टीप वाली घटना के बाद उस दिन किराये के रूम में जाके रात सोये नहीं । सोचते रहे की मैं यंहा 400 रूपये महीने के नौकरी करता हु लेकिन एक रूम में जाने के 100 रूपये मिल रहे है तो पुरे 10 रूम में जाने के 1000 हो जायेगा पोर 30 दिन में 30,000 रूपये हो जायेगा ये रात भर सोचते रहे । जैसे की सपने सच होने वाले है । मन ही मन रात भर बहुत ही खुश थे ।

कुछ समय काम करने के बाद यंहा काम करना छोड़ दते है । इसके को छोड़कर के टाटा गेस्ट हॉउस में काम करने शुरू कर देते है । वंहा भी कुछ समय काम किए उसे भी छोड़कर के दूसरे गेस्ट हॉउस खाना पीना , रहना सब कुछ था तो वही वंहा भी नौकरी करनी शुरू कर दी । जंहा पर 500 रुपया प्रतिमाह से शुरू करते है ।

घर परिवार में काम करने के लिए 1999 में 20 साल की बहुत ही कम उम्र में विवाह के बंधन में बंध गए ।

शादी के कुछ समय बाद में लखनऊ से फिर दिल्ली में  सन 2005 में होटल में 2500 रूपये की नौकरी शुरू की । वंहा से फिर लखनऊ होटल में कम करने के लिए आये ।

स्ट्रगल भरे दिन 

 

लखनऊ में आने के बाद से बड़े परेशानी और जिंदगी के सबसे बड़े बदलाव देखने पड़े थे आपने कई इंटरव्यू में बताया है की लखनव में कुछ समय काम करने के बाद में होटल बंद हो गए थे 2 तीन महीनो तक के होटल खुलने के इंतजार में घर में बिना किसी के काम किये , बिना तनखाह के 2 महीनो तक गुजार दिए । और वंहा से नौकरी छोड़ दी । आप बताते है की उस समय ऐसी हालत हो गयी थी , न काम था , न पैसा था , घर में पत्नी ,बच्चे के साथ में रहते थे ।

उस समय जेब में 8 रूपये किलो के चावल , 8 रूपये के आटा खरीदने के लिए पैसे नहीं थे । ऐसी विपत्ति थी उस समय आपके जेब में 2.50 रूपये थे । 2.50 रूपये के दूध को लेकर के बचे हुए चावल के साथ में । दूध , चावल और शक्कर मिला के कैसे भी करके परिवार रात के भोजन को किए । इस घटना के बाद से जिंदगी के नयी टर्निंग पॉइंट में लेकर के शुरू कर दिए थे ।

दोस्तों जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले जिंदगी में ऐसी घटना घटित होता है जिसने इसे परेशानी समझकर के दूर भागे है वो जिंदगी में कुछ नहीं कर पाते है जिंदगी भर खाली हाथ रह जाते है और जिसने इसे शिक्षा और चुनौती समझकर आगे बड़ा है वही इस दुनिया में इतिहास रच देता है , समाज के लिए उदाहरण बन जाता है ।

सफलता के सीढ़ी

इस घटना के बाद से 10 रूपये प्रतिदिन ठेले को किराये पे लेके अपने दोस्त के दिए आटे और शोले को लेके । छोले और पूड़ी को बेचने शुरू किए उस दिन 40 रूपये शाम तक के शोले बेचे । शाम होते समय बचे हुए सने हुए आंटे और छोले को गाय को खिलाकर के फिर से 40 रूपये में से 2 पैकेट चाउमीन ( 1 पैकेट 15 रूपये ) , 5 रूपये के गोभी और मसाले को लेकर के शाम को चाउमीन 2 पैकेट चाउमीन को 240 रूपये के बेचे थे । इसके बाद रोजाना अपने पत्नी के साथ में चाउमीन बेचने शुरू किये ।

धीरे धीरे लोगो को चाउमीन बहुत ही ज्यादा पसंद आने लगे और लगातार बेहतर करते गए जिससे चाउमीन खाने ज्यादा ग्राहक ही आने लगे थे । इसके बाद से परिवार की आर्थिक इस्थिति ठीक होने लगे थे ।

आगे आप बताते है कि गर्मी के मौसम में चाउमीन ख़राब हो जाते थे कुछ महीने के बाद में मोमोस बनाने शुरू किए लेकिन बहुत कम लोग इसे खाते थे बचे हुए मोमोस को गाय को खिलाते थे । 1 सालो तक चाउमीन बचते रहे बाद में मोमोस को लोगो में पसंद करना , खाना पसंद किया और इसकी भी डिमांड बढ़ने लगे थे ।

सफलता और आज 

लगातार नया करने कि चाहत में पहली बार मोमोस को तेल में फ्राई ( तलकर के ) लोगो को बहुत पसंद आये इसके बाद से तले हुए मोमोस बहुत कि ज्यादा चलने लगे , बहुत ही ज्यादा बिकने शुरू हुए , लोगो ने खाना शुरू किया तब से इक नयी पहचान बन गई और इसके बाद और नयी करने कि चाहत के बाद लगातार प्रयास के बाद में न्यूज़ पेपर “TIMES  OF INDIA”  में आपके ठेले के बारे में तारीफ किया गया था । इसके दूसरे पेपर वालो ने भी इस मोमोस के बारे में छापने शुरू किए । जिसमे मोमोस के बारे में भी तारीफ किया गया था ।
Ranjit Singh अभी तक किराय के मकान में रहकर ठेले में मोमोस बचते थे । कुछ समय बाद मोमोस चलने के बाद खुद का 2 मंजिला घर बनाये और मोमोस के प्रति लोगो के खाने , और डिमांड के बाद और कुछ नया करने कि चाहत से Ranjit Singh ने NANITAL MOMOS का होटल चला रहे है । आज उनकी भारत में कई जगहों पर गोवा ,पटना , इलहाबाद , कानपूर , लखनऊ , नोएडा ( दिल्ली ) आदि जगहों में ब्रांच है जंहा से लाखो रूपये प्रतिदिन कमा रहे है ।

दोस्तों ये छोटी सी real success story in hindi आपको Ranjit Singh Ki Struggle Story जिन्होंने NANITAL MOMOS से आज लाखो कमा रहे के बारे में जानकरी कैसी लगी आप हमें कमेंट कर के बात सकते है और इस success businessman story in hindi को आप अपने दोस्तों के पास में ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर कर दीजियेगा ।


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