आज भी भारत अलावा कई देशों में कई लोगो के यंहा वो पुराना स्कूटर खड़ा है जिसके कई यादे हमारे साथ जुड़ा है , वो पुराना स्कूटर जिस पर बैठकर पापा के साथ में मेला घूमने जाते थे , वो स्कूटर जिस कई बार आपने रास्ते में किसी को तेड़ा करके किक मारते हुए देखा होगा । जी हां ये वो सक्सेस स्टोरी है हमारे और आप सभी और गरीबों के लिए आगे आने वाले स्वर्गीय Rahul Bajaj जिनके बारे में ।
Rahul Bajaj की परिचय
Rahul Bajaj जी ने बहुत ही उम्दा किस्म के व्यक्ति थे जिन्होंने भारत में स्कूटर का पहला जन्मदाता , स्कूटर किंग माना जाता है । Rahul Bajaj ने भारत को पहला स्कूटर बजाज “चेतक” दिया । ये “चेतक” नाम महराणा प्रताप के घोड़े के नाम पर रखा गया था ।

1980 आते आते बजाज कंपनी स्कूटर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी हो गई थी ।
Rahul Bajaj जी जिन्होंने मिडिल क्लास वाले लोगो को स्कूटर दिया , हौसला दिया आगे बढ़ने के लिए । उन्होंने कई बड़े-बड़े काम किया जिसकी निडरता ने हमेशा बहादुर बनाए रखा ।
49 साल तक Rahul Bajaj जी बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे । जिन्होंने बजाज ग्रुप को अपने इस 49 साल कैरियर में बजाज ग्रुप को एक नई ऊंचाई तक , नई आयाम तक ले गया ।
Rahul Bajaj की फैमिली –
Rahul Bajaj की दादा जी जमुना लाल जी बजाज 1915 में महात्मा गांधी के संपर्क में आए । महात्मा गांधी के उनके ऊपर बहुत ही ज्यादा प्रभावित किया उसके बाद में वे महात्मा गांधी के साथ रहने लगे , उनके आंदोलनों में हिस्सा लेने लगे । यहां तक कि जमुना लाल बजाज जी को महात्मा गांधी का पांचवा बेटा भी कहा जाता था ।
भारत छोड़ो आंदोलन के समय भी उनका बहुत योगदान है । जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था उस समय Rahul Bajaj जी के मां भी जेल गयी थी । Rahul Bajaj उस समय बहुत छोटे थे । तो मां जब जेल से आयी तब उनसे ही पूछ लिया था किया की “क्या आप मेरा मां है ?”
मां रोने लगी क्योंकि लंबा समय तक जेल में था बच्चा बहुत छोटा था वो अपने मां के चेहरे को भूल गई थी ।
Rahul Bajaj की सबसे बड़े सीखने वाली है कि उनकी सोच था की देश सबसे आगे आना चाहिए । उन्होंने देश को सबसे पहले रखा । आप इस बात सी आंकलन लगा सकते है । बजाज ग्रुप ने देश को सबसे आगे रखा है ।
बजाज ग्रुप की शुरुआत –
बजाज ग्रुप की शुरुआत सन् 1926 में राहुल बजाज की दादा जी यानी की जमुना लाल बजाज ने कि थी । जन्हा चीनी मिल चलाते थे । राहुल बजाज ने 26 साल की उम्र में सन् 1964 में 26 नवम्बर को उन्होंने बजाज कंपनी को ज्वाइन किया था । बजाज कंपनी में सबसे पहले कामर्शियल डिपार्टमेंट में काम करना शुरुआत किया । उन्होंने अपने मेहनत से , परिश्रम से , यूनिक आडिया से, टैलेंट से, लगातार प्रयास से बजाज कंपनी को 72 मिलियन से 46.16 बिलयन की Rahul Bajaj net worth कंपनी बना दिया था ।
शौकीन – Rahul Bajaj बॉक्सिंग के शौकीन थे । वे कहते है कि मेरे बिजनेस में चैलेंज को पार करने की ताकत बॉक्सिंग से सीखे है ।
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Rahul Bajaj 1964 में बजाज आटो में आ चुके थे । सन् 1968 होते-होते वे बजाज कंपनी के सीईओ बन चुके थे । सन् 1972 में बजाज कंपनी ने बजाज स्कूटर लांच किया जिसका नाम पहले भी बताया है महराणा प्रताप के घोड़े “चेतक” के नाम पर रखा गया था।
जैसे ही चेतक स्कूटर को लांच किया तो लोगो ने इसे पसंद किया इसे खरीदने लगे । आपको यकीन नहीं होगा कि इसकी बुकिंग बहुत ज्यादा होती थी कि बुकिंग के समय पर पर्ची में लिखा जाता था कि 6-6 सालों तक गाड़ी की बुकिंग हो जाती थी ।
कंपनी का टर्नओवर (Rahul Bajaj net worth) –
सन् 1965 में बजाज कंपनी का टर्नओवर 3 करोड़ था । सन् 2008 के आते आते बजाज कंपनी का टर्न ओवर एक आंकड़ा बताता है करीब 10 हजार करोड़ तक पहुंच गया । ये सब कुछ संभव हो पाया Rahul Bajaj के कड़ी मेहनत और हार्ड वर्क की वजह से ।
सन् 1947-1991 तक का सफर उनके लिए बहुत ही इस्ट्रेजी वाला समय था । इस समय जो भी करना था सरकार के हाथ में समय भी कभी हार नहीं मानी और लगातार अपने हार्ड वर्क और यूनिक आडिया से बजाज कंपनी को आगे बढ़ाया ।
सन् 2000 में बजाज Rahul Bajaj ने बजाज पल्सर की एक नई बाइक आडिया लाने वाले Rahul Bajaj ही थे ।
बजाज जी अपने बातों को रखने में भी किसी के सामने नहीं डरते । वे कई बार सरकार की आलोचना भी करते थे । कभी अपनी बातों को रखने से नहीं डरते थे वे निडर थे ।
दोस्तो ये रही मिडिल क्लास को आगे बढ़ाने वाले Rahul Bajaj की कहानी जी के बजाज कंपनी को 49 सालों में भारत को एक नया आयाम देने वाले Rahul Bajaj की स्टोरी या सक्सेस स्टोरी या कहानी ।
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