samajik kahani
की हार कर बाजी पिता हमेशा ही मुस्कुराया शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया .. HELLO दोस्तों मेरा मन है deva4413 मै आपके लिए लेकर के आ गया हुआ एक छोटी सी samajik kahani कहानी हिंदी
यह कहानी नई नवेली बहू की जो जैसी ससुराल में गई उसे अपनी सास से चिढ़ होने लगी जैसा कि बाकी बहू को लगता है कि साथ हमेशा टूटती है फालतू की बातें करती है फालतू का ज्ञान देती उसके रिक्वायरमेंट नहीं है ।
उसने अपने पति से कहा कि क्यों नहीं हम इस घर को छोड़कर के अलग जगह पर जाकर के रहने लगते हैं . रेंट पर एक 2BHK ले लेते हैं । पति को लगा की ये तो गलत हो रहा है पति अपनी पत्नी को समझया और यह बताएं कि मां सही कहती है पति भी मां का पक्ष ले लेगा .
तो बहुत गुस्सा करके लड़ाई करके अपने मायके चली गई .
उसकी पिताजी आयुर्वेद की दवाइयों का कोई ऐसी दवाई दीजिए जहर की पुड़िया दीजिए कि मेरी सासू मां हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाए मैं उन से पीछा छुड़ाना चाहती हु । मैं नहीं चाहते कि हम उनके साथ में रहे ।
तो पिताजी ने कहा कि बेटा में जहर की पुड़िया तुम्हें कैसे दूं तुम्हें जहर दूंगा तुम जाकर के सास को दोगी उनकी मौत हो जाएगी . पुलिस आएगी तुम्हें पड़ेगी फिर तुम तक पहुंचाने के आरोप में पकड़े कि हमारा पूरा परिवार तबाह हो जाएगा .
तो फिर क्या करें बताइए आप बताइए क्या करें आप बताइए क्या करें ?
पिताजी ने कहा कि दूसरी दवाई देता हूं यह दवाई धीरे धीरे-धीरे असर करेगी 6 महीने तक इसको रोजाना खाने में मिलाकर कर देना तुम्हारी सासू मां की तबीयत खराब होने लगेगी वह कमजोर होने लगेंगी और 6 महीने बाद जब उनकी डेथ हो गई तो किसी को मालूम भी नहीं चलेगा कि क्या रीज़न था बस इस दौरान अपने व्यवहार को थोड़ा सा चेंज कर लेना उनसे प्यार मोहब्बत के साथ में बात करना ऐसा . ना हो कि शक की सुई तुम्हारी तरफ आ जाए .
नई नवेली बहुत ही बड़ी खुश हुए ससुराल आकर बड़ी अच्छी बात है । पिताजी ने रास्ता दिखा दिया हो गई वह जो उन्होंने पाउडर दिया था उसकी पुड़िया को लेकर की गई और रोजाना से वह पाउडर थोड़ा थोड़ा थोड़ा खाने में मिलाने लगी ।
सासू मां की सेवा करने लगी, प्यार से बात करने लगी अचानक से बहू के फेवर में चेंज आ गया था ।
सांस को लग रहा था कि जब भी कुछ बोलती थी सामने से कोई जवाब नहीं करती थी . सांस को भी अच्छा लगेगा दो-तीन महीने में दोनों के बीच में दोस्ती होने लगी धीरे धीरे धीरे और ज्यादा प्रगाढ़ होने लगा और बहू को लगने लगा कि तो बिल्कुल मेरी मां जैसी मां से प्यार करती है ।
एक महीना बचा हुआ था की जब पिता जी ने कहा था कि सासू मां की मौत हो जाएगी दवाई असर करेगी दौड़कर मदद कीजिए कोई ऐसी दवाई दीजिए जिससे कि उस दवाई का असर कम हो जाए
अपने मायके जाकर के अपने पिताजी से बोली की पिताजी मदद कीजिए कोई ऐसी दवाई दीजिए जिससे कि उस दवाई का असर कम हो जाए तो इसके जो पिताजी थे वह हंसने लगे और बोले कि वह दवाई किसी को मारने वाली थी ही नहीं . जो पाउडर था वह पाचन चूर्ण था
उसके पिता जी हंसने लगे और मैंने तुम्हें सिर्फ इसलिए दिया था ताकि तुम्हारे मन को सांत्वना मिले तुम्हारे बिहेवियर में चेंज हो जाए . घबराओ मत तुम्हारी सासू मां को कुछ नहीं होने वाला .
छोटी सी samajik kahaniबहुत बड़ी बात सिखाती है पेरेंटिंग बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है और लाइफ में कभी भी आपको लगे कि आपको सब कुछ आ गया है तब भी आपको अपने माता पिता के आज्ञा के बगैर कुछ भी नहीं करना चाहिए , जिंदगी में आगे बढ़ना है तो अपने माता पिता के आशीर्वाद के साथ में अपनों के साथ में कर दिखाओ कुछ ऐसा की दुनिया करना चाहे आपके जैसा ।

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एक छोटी सी social stories in hindi गर्मी की दुपहरी में उनके मेडिकल स्टोर बड़ी भीड़ थी बड़े सर कस्टमर से आए हुए थे । उनमे से एक कस्टमर था जो उस मेडिकल से दूर रोड के उस पास एक बुध्दि अम्मा दुकान के उस पर नीम के पेड़ के छाव के पास में कड़ी दुकान की तरफ देख रही थी ।
एक बुजुर्ग महिला का चेहरा जो दूर से देखने पर कि जैसे कुछ कहना चाहते उनका सिर्फ और सिर्फ वही चेहरा दिखा कहानी के कहने कुछ बात करना चाह रही है लेकिन कह नहीं पाए ।
मेडिकल वाले भैस ाहब को लगा की उस बुध्दि अम्मा से बात किया जाये उन्होंने फटाफट नौकर की मदद करना शुरू किया दवाई निकालते । कस्टमर को कम करते हैं उन तक दवाई 2-4 कस्टमर जिन्होंने अपने नौकर से कहा तुम देख लो 5minat में वापस आता हु।
ऐसा कहकर के वह मेडिकल स्टोर से बाहर निकले सड़क पार करके उस अम्मा तक पहुंचे के छांव में वह अम्माजी खड़े थे उन्हें जा करके प्रणाम किया ।
माता जी प्रणाम क्या बात होगी ऐसा लग रहा था मुझे वहां दुकान में जब था क्या कुछ कहना चाह रही है । आप दुकान तक भी नहीं आ रही थी पैसे नहीं है ? , मैं आप तक दवाई पहुंचा दूं बताइए किस तरीके से मदद करू ?
उन्होंने कहा कि बेटा पैसे कमीनी पैसे हैं मेरे पास तुम्हारी दुकान तो इसलिए नहीं आ रही थी क्योंकि वहां पर बड़ी भीड़ थी बड़े सारे लोग थे चली जाऊं परेशान क्यों इस तरह क्यों खड़ी है क्या बताऊं कल शाम में मेरे बच्चों का कॉल आया फिर बच्चे ना बड़े शहर में रहते हैं और मुझसे मिलने के लिए हर बार गर्मी की छुट्टियों में आते हैं ।
मुझे कॉल करके बोला कि मम्मी इस बार मैं मेरी वाइफ मेरे बच्चे हम लोग घूमने के लिए हिल स्टेशन जा रहे हैं और मैन सब को ले करके जा रहा हूं क्योंकि उनकी छुट्टियां बार-बार नहीं आएगी तो वेकेशन और आपसे मिलने के लिए इस बार गर्मी की छुट्टी में नहीं आ पाएंगे बोलकर के बच्चे ने कॉल कट कर दिया ।
माताजी तो उनकी आंख से आंसू टप टप टप निकल रहे थे ।
भाई साहब सोचने लगे ।
तभी उस अम्मा ने कहा बेटा मुझे याद आ गया कौन सी दवाई चाहिए स्टोर पर बच्चों को भूलने की दवाई है मेरे बच्चों को भूलने की दवाई चाहिए अम्मा जी वहां से चुपचाप चली गई ।
भाई साहब सन्न सा गए अपने मेडिकल स्टोर में आ गए और सोचने लगे कभी कोई दिल ना आएगी बच्चों को भूलने की दवाई लेने के लिए किसी मेडिकल स्टोर पर जाना पड़े।
कहानी बहुत बड़ी बात सिखाती है माता पिता की कद्र की जाय , रिस्पेक्ट कीजिए . बहुत सारा प्यार दीजिए क्योंकि एक दिन ऐसा आएगा जब वे नहीं रहेंगे आपको उनकी कमी महसूस होगी और आप समझ नहीं पाएंगे कि उस कमी को कैसे सही करें कैसे उस कमी को पूरा करें क्योंकि माता-पिता का प्यार ऐसा प्यार होता है जो बिना किसी स्वार्थ के होता है उन्हें आपसे कुछ नहीं चाहिए सिर्फ आपका प्यार चाहिए प्यार के साथ ऊपर वाले का आशीर्वाद के साथ अब कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा ।