आपने कई बार अपने दादा-दादी , मामा-मामी , नाना-नानी या अपने मां पिता से या फिर कभी पढ़ा भी होगा कछुआ और खरगोश कि कहानी को । कछुआ और खरगोश की short story in hindi में को सुनते-सुनते आपको ये Short story पूरी तरीके से याद हो गया होगा ।

Short Motivational Story Hindi
1 . कछुए और शेर की Short Motivational Story Hindi
दोस्तो आज हम आपको एक दूसरी Short story कछुआ और शेर की Short story सुनाने/बताने/पढ़ने जा रहे है । कछुआ और शेर की में हमे बहुत सारे बाते भी सीखने को मिलेगी एक तरह से ये कछुआ और शेर की Short story इंस्पिरेशनल और मोटीवेशन short story in hindi के रूप में होगा ।
एक बार एक बड़े से घने जंगल में तीन बड़े-बड़े शेर जंगल से निकल कर भोजन के तलाश में जा रहे थे । तीनों शेर भोजन की तलाश में तालाब के किनारे पे पहुंचते है ।
तीन शेर में से एक शेर ने एक छोटे से कछुए को देखा ।
कछुआ तालाब से निकलकर कंही जाने वाला था ।
एक शेर तालाब के किनारे पर दौड़ कर गया वहां से कछुआ के पास गया और कछुआ को अपने मुंह में दांत से दबाकर के एक तालाब के किनारे से हटाकर के तालाब के किनारे ही उसे साफ जगह में लाता है ।
कछुआ को जैसे ही अभाश हुआ कि कोई उसे खतरे का आभास हुआ वो अपने सिर को अंदर करके कवचमय हो गया।
उनके साथ आ रहे दोनों शेर उसे कछुआ के कवच को खोलते उसी जगह में बैठ कर देखने लगते है ।
एक शेर कछुआ को तालाब के ही किनारे साफ जगह में ले जाकर के उसे चाबने की कोशिश करता है । शेर उसे उल्टा करता , सीधा करता फिर उसे खोलने की कोशिश करता ।
दांत से दबाने की कोशिश करता की कंही से कवच से सिर बाहर निकल आए । बार-बार उल्टा करता फिर सीधा करता , दोनों सामने वाले पैर से दबाकर खोलने की कोशिश करता , दोनों सामने वाले पैर से दबाकर उसे चाटने की कोशिश करता लेकिन भी प्रकार से कछुआ के कवच , सिर खुलता ही नहीं । बहुत देर तक मसक्कत करने के बाद में शेर उसे खोल नहीं पाता है और अंत में उसे छोड़कर के दोनों शेर के पास में बैठ जाता है ।
उसके बाद में बैठे हुए एक शेर उठकर कछुआ के पास जाता है । कछुआ को थोड़ा खेलता है । मुंह में उठता है , दोनों पैरो से आगे पीछे खिसकता है , फिर मुंह में उठाता है फिर गिराता , फिर आगे करता फिर भी नहीं खुलता तो उसने दोनों आगे वाले पैरो से दबाने की कोशिश करता , अंत में उन्होंने चारो पैरो से दबाने की कोशिश करता फिर भी कछुआ को कोई फर्क नहीं पड़ता । थोड़ा देर मशकत करने के बाद भी दूसरे शेर भी नहीं खोल पाया अंत में दूसरे शेर भी कछुए को छोड़कर के दोनों शेरो के पास में जाकर के बैठ गया ।

अंत में तीसरा शेर आया उनसे भी दोनों पैरो से दबाया , कछुआ को आगे पीछे करने लगता , दांतो से फिर दबाता फिर गिराता फिर छोड़ता , दोनों पैरो से खोलने लगता है ।
तीसरा शेर पहले और दूसरे शेर के सारे पैतरे को अपना लिया फिर भी उस कछुआ को खोल नहीं पाता है । अंत में तीसरा शेर थक कर उस कछुआ को छोड़ देता है ।
अंत में तीनों शेर उस कछुआ को छोड़कर के वंहा से चले जाते है ।
जब कछुआ को लगता है कोई आसपास नहीं है , कोई खतरा नहीं है तो कछुआ तालाब के अंदर चले जाते है ।
दोस्तो ये छोटी सी short story in hindi हमे बहुत बड़ी बात सिखाती है ।
पहला सीख –
कभी भी अपने आप को छोटा नहीं समझना चाहिए । दोस्तों कई बार भी ये घटना हमारे साथ में घटित होता है कई बड़े लोग हमें छोटे दिखाने , कमजोर समझकर दबाने की कोशिश करता है लेकिन हमें कछुआ के सामान हार नहीं मानना है और आगे बढ़ते रहना है ।
दूसरा सीख
जिन्दगी में कभी भी हार नहीं मानना चाहिए । जैसे कि इस कहानी में हुआ है यहां कछुआ ने अपने आप को तीन शेर के सामने से बचाकर के रखा उसने तीन शेरो के कई बार दांत में दबाने से , कुचलने से , उसके ऊपर पैर रखने से हार नहीं माना और दर्द को सहता रहा । वैसे ही हमारे जिंदगी में परेशानी भी ऐसे ही आता है ।
परेशानी हताश कर देता है , उदास कर देता है , डिमोटिवेट कर देता है , चिड़चिड़ा बना देता है , परिवार को पुरे बिखेर के रख देता है लेकिन दोस्तों जिस प्रकार से पंद्रह दिन के अंधकारी के बाद में अँजोरी आता है वैसे है दोस्तों परेशानी भी काम समय के लिए हमारे जिंदगी में होता है ।
2 . क्रोध के दो मिनट Short Motivational Story Hindi
एक बार की बात है एक आदमी जिसकी अभी अभी शादी हुई थी यानि की उसकी सादी हुए मात्र 2 साल ही हुए थे । सभी ठीक चल रहा था । परिवार के सभी सदस्य ठीक , हंसी खुशी के साथ में रहते थे । उन्हें किसी भी प्रकार से परेशानी नहीं थी ।
लड़का एक दिन अपने पिता के पास में व्यापर करके शहर जाने की सोचकर के अपने पिता जी पास में राय लेने के लिए जाता है । और पिता जी उसे शहर में व्यापारी करने के आज्ञा देता है गर्भवती पत्नी को अपने माता पिता के पास में छोड़कर के व्यापर करने के लिए शहर मे आ जाता है ।
शहर में आने के कुछ महीनो बाद में अच्छे से उसकी आमदनी हो गई और कड़ी म्हणत के साथ में उसका बिज़नेस चलपड़ा । अब वह सहर ने जाकर के नमी शेठ बन गया उनके पास में बहुत ही ज्याद पैसा हो गया ।
18 साल तक धन कमाने में बिट गया और उसके बाद अच्छा धन कमा कर के वह अपने पत्नी को घर आने की सुचना एक पात्र के माद्यम से देती है । और घर आने के लिए जहाज में स्वर हो गया ।
जब वह व्यक्ति आ रहा था तो उसी जहाज में उसे एक व्यक्ति मिला जो जहाज में बड़े ही दुखी मन से बैठा हुआ था । ये देखकर के सेठ ने उनके उदाशी का कारण चाहा ।
वह व्यक्ति के पास में गया और पूछा भाई – ओ जनाब इतने दुख क्यों हो ?
तो व्यक्ति ने अपने मन के दुःख को बताया – मै यंहा ज्ञान देने के लिए आया था लेकिन इस शहर में कोई ज्ञान बताने वालो की इज्जत है होती है इसलिए मै इस बात से बहुत ही दुखी हु .
तो सेठ से सोचा की आज तक तो मैंने बहुत ही ज्यादा धन कमाया है और इस प्रकार की बाते सुनकर के सेठ ने उसे कहा – वो जनाब तुम कैसे ज्ञान की सूत्र बेचते हो , जरा मुझे भी ज्ञान की सूत्र बताओ मै भी इसे सुन्ना चाहता हु ।
सेठ ने अपने जेब से पूंजी निकली और उस व्यक्ति को दे दिया ।
उस व्यक्ति ने सेठ को कहा – बड़े ध्यान से सुनना इस सूत्र को
सेठ ने कहा जी हा बड़े धयान से सुनूंगा !
व्यक्ति ने पहला सूत्र बताया – कोई भी काम को बिना सोचे मत करना और करना तो उसे 2 मिनट सोचकर के करना . सेट ने अपनी इस ज्ञान के सूत्र को किताब में लिख ली .
इस ज्ञान के सूत्र को अपने किताब में लिक्कर के सेठ थके मांजे कई दिनों के सफर के बाद में वह अपने राज्य में आया ।
वह थका हुआ था सोचा की क्यों न पत्नी को सरप्राइस दिया जाय या सोचकर के वह सीधे चुपचाप पत्नी के कमरे में चली गई और जब वह पत्नी के कमरे में जाकर के देखती है तो उसकी पत्नी किसी गैर मर्द के साथ सोई देखकर के सेठ के होश उड़ गए ।
उसने पास में रही डंडे को उठाया और जोर से अपनी पत्नी को ही मरने की कोशिश करके लगा । और जैसे ही वह डंडा उठाया उसे उस व्यक्ति की बात यद् आ गई की कोई भी काम बिना सोचे समझे नहीं करना चाहिए .
ये सोचकर के सेठ मौन हो गया और अपने डंडे को निचे करने लगा और जैसे ही उसने डंडे को निचे करने की कोशिश वैसे ही डंडा दिवार में रखी बर्तन से जा टकराई और बरता की आवाज को सुनकर के पत्नी की नींद खुल गई ।
पत्नी उठकर के देखती है तो उसके सामने उसकी पति कड़ी देख कर के उसके खुसी का ठिकाना नहीं रहता है वह अपने बेटी को उठाती है और उसे चरण छूने के लिए कहती है ।
सेठ पहले तो ये देखकर के बहुत ही ज्यादा संका कर रहा था लेकिन जैसे ही उसने अपने बेटी को देखा उनके नज़ारे बदल गए । उसने उस व्यक्ति की बातो को याद करके ऊपर की तरफ देखने लगा । और उस व्यक्ति का शुक्रगुजार करने लगा और मन ही मन कहने लगा ही आज उनकी वजह से अपनी पत्नी पर संका कर रही थी ।
इस प्रकार से दोस्तों वह अपने पाने क्रोध को 2 मिनट के लिए शांत रखकर के बड़े होने वाले दुर्घटना को बचा लिया ।
दोस्तों ये छोटी सी short story in hindi हम आपके लिए लाते रहते है और यदि आप इसी प्रकार से short story in hindi कैसे लगी हमें कमेंट करकर जरूर बताये और यदि हमारा यह hindi story for kids आपके पास भी ऐसी कहानी है तो आप हमें मेल कर सकते है । हमारा संपर्क नंबर devwrat23w@gmail.com में आप हमें अपने very short story जो कंही भी पब्लिश नहीं हो और किसी ने उसे पहले से लिखा न हो ये कंटेंट को ही हमारे पास ही बेज सकते है .
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thankyou for reading