इंटेलिजेंस का मतलब होता है किसी भी परिस्थिति में कासी भी परेशानी को आप कैसे सोलुशन निकालते है या उस परिस्थति से किस प्रकार से निकलते है यही सामने रूप से इंटेलिजेंस
इंटेलिजेंस के प्रकार
इमोशनल इंटेलिजेंस { भावनात्मक बुद्धिमत्ता } को समझने से पहले इनके 2 पहलुओं को समझ लेते है । एक तो इंटेलिजेंस और दूसरा इमोशनल इंटेलिजेंस { भावनात्मक बुद्धिमता } पर ।
1 . इंटेलिजेंस
2 . इमोशनल इंटेलिजेंस
1 . इंटेलिजेंस – [intelligence]
का सरलतम मतलब होता है समझदारी । बांकी सभी इनके गौण बाते है । इसका एकदम देशी मतलब है समझदारी । और समझदारी क्या होता है ? समझदारी किताब पढ़ने में नहीं आती है । समझदारी का मतलब है जिंदगी में जो सिच्वेचन { परिस्थति } आपके सामने आये उस परिस्थिति को कैसे हैंडल करते है । उस कठिन से कठिन परिस्थति में कैसे रास्ते निकाल लेते है इसको बोलते है समझदारी ।
हर उम्र के लोगो को एक खास लेवल समझदारी की अपेक्षा की जाती है । और इस लेवल की अपेक्षा की जाती है उसको IQ {intelligence Quotient} शब्द कहते है।
यदि आपका IQ 90 से 110 के बीच में है तो तो आप सामान्य समझदार व्यक्ति है । हम जिस समझ में रहते है और औसत रूप से जो व्यक्ति रहता है ठीक उसी प्रकार के व्यक्ति है । और किसी भी समाज का 50% IQ Level 50-90 के बीच में ही होता है ।
यदि IQ आपका ज्यादा है तो आप ज्यादा समझदार है । काम है तो काम समझदार है । कई कई व्यक्तियों IQ level 50, 30, 25 भी होता है । जिसको मानसिक रूप से अपरिपक्व व्यक्ति है इसका ये मतलब है की उसका IQ लो है ।
और जिसका 160 के ऊपर के निकाल गया उसको बोलते है gifted इंडीविसुअल यानि की ईस्वर ने उसे वरदान दिया उसकी बुद्धि इतना तेज और सटीक निष्कर्ष निकालती है जो आसान चीज नहीं है । और कुछ लोग 200 के ऊपर माने जाते है जो बहुत ही कम है ।
तो सरलतम इंटेलिजेंस का मतलब ये हुआ की किसी परिस्थिति में प्रॉब्लम को सोल्वे करने की क्षमता कितनी है । तो इसका सरलतम उदहारण से समझिये – एक घर में एक 3 साल का बच्चा है जो इगोसेंट्रिक होता है { इगोसेंट्रिक = ब्रम्हांड के केंद्र में खुद को रखकर के देखता है } जब आपसे बात करता है मै तो हु और यह भी आया कंही से बात करते करते उसके दोस्त का जिक्र आ जायेगा ।
उसने बीच में कह दिया मानलो मुझे सोनू बता रहा था । यदि आपने उससे पूछ लिया की सोनू कौन है ?
तो उसके चेहरे पर एक अजीब सा भाव आ जाता है की इसको SONU भी नहीं पता है । इतना बड़ा हो गया इसको GK भी नहीं पता है ।
उस बच्चे को लगता है इस दुनिया में मै और सोनू दो ही है ये तो एक्स्ट्रा में आये है । और उस बच्चे के पास शौक होता है की दिखाए की उसके पास में क्या-क्या खिलौने है ।
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तो उस बच्चे ने एक कार दिखाया । बच्चे ने कहा चलती है ।
तो मैंने कहा चलती है तो चला दो ।
तो उस बच्चे ने निचे रखा और रिमोट हाथ में था { रिमोट इस भाव से पकड़ा हुआ था की देखो क्या चीज है मेरे हाथ में } लड़के ने रिमोट के बटन को दबाया तो कार चली नहीं . तो उस लड़के ने कार को उठाया और इतना दिमाग लगाया की बैटरी का मामला हो सकता है उतना ही मैकेनिजम उनको पता था
उसके बैटरी वाला ढक्कन खोला किसी तरह से , अब बैटरी वीक है की नहीं अब उनको कैसे पता चलेगा पर उसने अनुमान किया की यही होगा .
अब सोचा की बैटरी कंहा से लाउ अपने बाप से पूछा – पापा बैटरी है ?
तो पापा ने कहा – नहीं है बैटरी तो ।
तो देखिये उसका दिमाग कैसे काम कर रहा रहा है ।
अंत में उसने देखा की कमरे में घडी दिख रही है उसको ।
छोटा सा बच्चा उनसे सोचा और एक छोटा सा stool लाके रखा उसके ऊपर चढ़ा फिर भी भी हाथ नहीं पंहुचा तो बाप को इशारा किया . बाप को बुलाया उसने उधर फिर बाप ने उसको घडी उतार के दी उसके बाद में उसके बैटरी निकाल की दी और उसके बाद में कार में लगाया और कर चल गई .
तो ये जो बच्चे ने जो किया यही है समझदारी { Intelligence } है । तो इंटेलिजेंस का मतलब होता है किसी भी सिचवेशन { परिस्थिति
} को कैसे सम्हालना है या परिस्थिति को संभालने की क्षमता।
[su_heading size=”18″ align=”left”]2 . What Is emotional intelligence { भावनात्मक बुद्धिमत्ता }[/su_heading]

intelligence हजार प्रकार के हो सकते है उनमे से एक है Emotional intelligence { इमोशन को संभालने की क्षमता / इमोशन को समझने की क्षमता }। भावनाव को समझने और सँभालने की समझदारी को बोलते है emotion Intelligence कहते है ।
तो भावनाए किसकी – अपनी भी और दुसरो के { अपनी भी और दुसरो के भी भावनाओ को समझने और हैंडल करने की की समझदारी भनात्मक बुद्धिमता { emotion Intelligence } है ।
ऐसा ही धार्मिकता और साम्प्रदायिकता के बिच एक बहुत ही पतली सी रेखा है , बहुत पतली सी और जो अपनी इमोशंस को ईमानदारी से समझ सकता है , दुसरो की इमोशन्स को ठीक से समझ सकता है , अपनी इमोशन्स को कंट्रोल कर सकता है ठीक से । उदाहरण – कंट्रोल कर सकता है , गुस्सा तो बहुत आ रहा है लेकिन कुछ करूँगा नहीं , इतनी क्षमता है भैया की कितनी जोर लगा ले , मेरे मुँह से कुछ निकलेगा नहीं , लगा जोर अगर ये ताकत है । की मै तो वही बोलूंगा जो मुझे बोलना है अगर तू मुझे उकसा के बुलवा लेगा तो ताकत तेरे पास है । दम है तो बुलवा ले मुझसे , कंट्रोल है अपना .
और दुसरो की इमोशन को भी कंट्रोल करने का भी ताकत , दुसरो को इमोशनल बना के काम निकलवाने की ताकत ये दोनों में होती है एक पॉजिटिव सेन्स में एक होता है नेगेटिव सेन्स में तो यंहा पॉजिटिव सेन्स में हो रहे है । जैसा कोई बच्चा है 12 – 13 साल का । माँ ने कहा बेटा दूध पी लो ?
बेटा { जोर से } नहीं पियूँगा ।
माँ – क्यों
लड़का – नहीं पियूँगा ।
क्योंकि लड़के को विद्रोह करना है उसे तो माँ को पता है इसको कैसे संभालना है ।
माँ ने कहा बेटा आज से दूध नहीं मिलेगा
लड़का – क्यों नहीं मिलेगा [ जोर से ]
माँ – नहीं मिलेगा बस नहीं मिलेगा । मेरा घर है मै दूंगी की नहीं दूंगी , नहीं दूंगी दूध क्या कर लेगा तू ?
लड़का – मै तो पियूँगा { जोर से } , दो गिलास पियूँगा ।
माँ – बेटा हाथ लगाया तो हाथ तोड़ दूंगी .
लड़का – अच्छा { जोर से }
or इसके बाद में लड़का गुस्से में जाकर के दूध को गिटक जाता है ।
इस प्रकार से यंहा लड़के का माँ इमोशनल इंटेलिजेंस थी जिसको पता थी कैसे अपने बेटे को दूध पिलाना है लेकिन उनको नहीं पता की उनको भोंदू बनाया गया है ।
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